समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 7 सितंबर: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक केतकी सिंह को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। आरोप है कि सिंह ने हाल ही में एक यूट्यूब चैनल पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह कहा था कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री आवास से नल (टोटियाँ) चुराई थीं। इस बयान ने दोनों दलों के बीच तीखा विवाद खड़ा कर दिया है।
मानहानि का नोटिस और गंभीर आरोप
सपा की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि विधायक केतकी सिंह का बयान पूरी तरह से “झूठा, भ्रामक और अपमानजनक” है। नोटिस समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कन्हैया पाल द्वारा 5 सितंबर को जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि विधायक ने जानबूझकर यह आरोप लगाकर अखिलेश यादव की छवि धूमिल करने की कोशिश की।
नोटिस में मांग की गई है कि केतकी सिंह सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें और इसे राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख अखबारों में प्रकाशित करें। अन्यथा, उनके खिलाफ दीवानी और आपराधिक मानहानि मुकदमा दायर किया जाएगा।
विरोध प्रदर्शन और बढ़ता तनाव
मानहानि नोटिस भेजे जाने के बाद विवाद और बढ़ गया। सपा की महिला कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में विधायक के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रतीकात्मक रूप से उन्हें नल “उपहार” देने की कोशिश की।
इस बीच, विधायक केतकी सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उनकी नाबालिग बेटी को डराने की कोशिश की। सिंह ने कहा कि वह जल्द ही इस घटना की पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगी।
सपा–भाजपा के बीच तीखी प्रतिद्वंद्विता
यह विवाद उत्तर प्रदेश में सपा और भाजपा के बीच लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक जंग को और गहरा करता है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति यहां नई नहीं है, लेकिन हालिया घटनाक्रम ने दोनों दलों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवाद राजनीतिक विमर्श को प्रभावित करते हैं और अक्सर यह सड़कों पर प्रदर्शन और अदालतों में कानूनी लड़ाई तक पहुँच जाते हैं।
केतकी सिंह की बेटी को लेकर नया विवाद
विधायक सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी को विरोध प्रदर्शन के दौरान निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी सदमे में है और फिलहाल स्कूल जाने से डर रही है।
सिंह ने कहा, “मैं इस कायरता को कभी माफ नहीं करूंगी। मैं एक विधायक हूँ, लेकिन उन्होंने मेरी 15 वर्षीय बेटी को निशाना बनाया। यह राजनीति की मर्यादा से परे है।”
मानहानि नोटिस, विरोध प्रदर्शन और निजी जीवन तक पहुंचे आरोपों ने सपा और भाजपा के बीच की दूरी को और चौड़ा कर दिया है। यह विवाद आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति को और भी ज्यादा गरमा सकता है। अब देखना होगा कि यह मामला अदालत और पुलिस जांच तक पहुँचता है या राजनीतिक स्तर पर ही सुलझाया जाता है।
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