पालघर में हिंदी बोलने पर ऑटो ड्राइवर से मारपीट, शिवसेना-मनसे समर्थकों का हंगामा

समग्र समाचार सेवा
पालघर, 13 जुलाई: महाराष्ट्र के पालघर जिले में भाषा विवाद को लेकर एक प्रवासी ऑटो रिक्शा चालक के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। विरार रेलवे स्टेशन के पास शनिवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के समर्थकों ने यूपी के प्रवासी ऑटो ड्राइवर को सरेआम पीट दिया।
कुछ दिन पहले ड्राइवर और भव्येश पडोलिया नामक व्यक्ति के बीच हिंदी और मराठी भाषा को लेकर बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। ड्राइवर ने तब साफ कहा था, “मैं हिंदी बोलूंगा।” इसी बात पर विवाद और बढ़ गया।
माफी मांगने पर किया मजबूर
शनिवार को समर्थकों ने ड्राइवर को पकड़ कर पहले थप्पड़ मारे और फिर उसे भव्येश पडोलिया, उनकी बहन और पूरे महाराष्ट्र से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को मजबूर किया। घटना के वायरल वीडियो में महिलाएं भी ड्राइवर को थप्पड़ मारती दिख रही हैं।
विरार शहर शिवसेना (UBT) प्रमुख उदय जाधव भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा, “जो कोई भी मराठी भाषा या मराठी मानूस का अपमान करेगा, उसे शिवसेना अपने अंदाज में जवाब देगी।” जाधव ने दावा किया कि ड्राइवर ने महाराष्ट्र का अपमान किया था, इसलिए उसे सबक सिखाया गया।
पुलिस में शिकायत नहीं, जांच जारी
इतनी बड़ी घटना के बाद भी पालघर पुलिस के पास अभी तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो के आधार पर मामले की जांच की जा रही है, लेकिन दोनों पक्षों में से किसी ने भी शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
भाषाई अस्मिता पर पुराना विवाद
यह घटना महाराष्ट्र में भाषा की राजनीति से जुड़ी ताजा कड़ी है। इसी महीने एक जुलाई को ठाणे में भी मनसे कार्यकर्ताओं ने एक स्ट्रीट फूड विक्रेता को मराठी में बात न करने पर थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद व्यापारियों ने विरोध मार्च निकाला था और इसे नैतिक पुलिसिंग करार दिया था।
मराठी अस्मिता को लेकर मनसे और शिवसेना समेत कई दलों ने आठ जुलाई को मीरा-भायंदर में विरोध मार्च भी निकाला था। हाल ही में राज्य सरकार के हिंदी को स्कूलों में अनिवार्य बनाने के फैसले पर भी मराठी समर्थक समूहों ने जोरदार आपत्ति जताई थी, जिसके बाद सरकार को कदम पीछे खींचना पड़ा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.