क्रोएशिया में बोले प्रधानमंत्री मोदी: लोकतंत्र की साझी विरासत, रक्षा से लेकर डिजिटल तक बढ़ेगा सहयोग

समग्र समाचार सेवा
ज़ाग्रेब,19 जून: क्रोएशिया की ऐतिहासिक राजधानी ज़ाग्रेब की धरती पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में गहरी आत्मीयता और रणनीतिक दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया। अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने क्रोएशियाई सरकार और प्रधानमंत्री आंद्रेजी प्लेंकोविक का भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद दिया और इस बात पर ज़ोर दिया कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और क्रोएशिया लोकतंत्र, विधि के शासन, बहुलवाद और समानता जैसे साझा मूल्यों से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों की जनता ने उन्हें लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर देकर यह विश्वास जताया है कि द्विपक्षीय संबंधों को अब तीन गुना गति दी जाएगी।

रक्षा, व्यापार और तकनीक में साझेदारी को मिलेगा विस्तार

उन्होंने घोषणा की कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनाई जाएगी, जिसमें सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा उद्योग में सहयोग और आपसी आदान-प्रदान शामिल होंगे। आर्थिक रूप से भारत और क्रोएशिया की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे के पूरक हो सकती हैं और इसी उद्देश्य से फार्मा, कृषि, आईटी, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल तकनीक और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

शिपबिल्डिंग और साइबर सुरक्षा को भी इस साझेदारी का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशियाई कंपनियों को भारत की सागरमाला परियोजना में निवेश के लिए आमंत्रित किया और पोर्ट मॉडर्नाइजेशन में भागीदारी का आग्रह किया।

सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को नई दिशा

दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों की ऐतिहासिक विरासत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘इवान फिलिप वेज़दिन’ की संस्कृत व्याकरण पर यूरोप में पहली पुस्तक प्रकाशित करने की भूमिका को याद किया। उन्होंने ज़ाग्रेब यूनिवर्सिटी में हिन्दी चेयर के समझौते को 2030 तक बढ़ाए जाने की घोषणा की और अगले पांच वर्षों के लिए सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम की रूपरेखा भी साझा की।

उन्होंने यह भी कहा कि क्रोएशिया में योग की लोकप्रियता उल्लेखनीय है और इस बार का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वहां विशेष रूप से मनाया जाएगा।

आतंकवाद और वैश्विक स्थिरता पर भारत-क्रोएशिया की एकता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का शत्रु है और लोकतंत्र को कमजोर करने वाला तत्व है। उन्होंने भारत में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले पर संवेदना व्यक्त करने के लिए क्रोएशिया का आभार जताया और इस मुश्किल समय में मित्रता को अमूल्य बताया।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत और क्रोएशिया इस बात पर सहमत हैं कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में संवाद और कूटनीति ही समस्याओं का समाधान है, न कि युद्ध। साथ ही क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया की संसद ‘बाँसकि द्वोरी’ से हिन्दी में अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि “भाषा एक पुल है” और इस पुल को हम आज और मज़बूत कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री आंद्रेजी को भारत आने का निमंत्रण देते हुए अपने संबोधन का समापन किया।

 

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