पेरिस पैरालंपिक में भारतीय हॉकी टीम की कांस्य पदक जीत के बाद श्रीजेश का नया सफर: जूनियर पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच की नियुक्ति

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11 सितम्बर।

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नई दिल्ली – पेरिस पैरालंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्पेन को हराकर कांस्य पदक जीता था। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद, भारतीय हॉकी के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की। हालांकि, श्रीजेश अब भी खेल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखते हुए एक नई भूमिका में कदम रख रहे हैं। उन्हें हॉकी इंडिया ने जूनियर पुरुष हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है।

पेरिस पैरालंपिक में भारतीय हॉकी की उपलब्धि

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने अपनी शानदार प्रदर्शन से देश को गर्वित किया। टीम ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर स्पेन को हराया और कांस्य पदक जीतने में सफल रही। इस जीत ने न केवल भारतीय हॉकी को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया बल्कि देश भर के खेल प्रेमियों को भी उत्साहित किया।

श्रीजेश का संन्यास और नया रोल

पीआर श्रीजेश, जिन्होंने अपने करियर में भारतीय हॉकी को कई बड़ी उपलब्धियाँ दिलाई हैं, ने पेरिस पैरालंपिक के बाद खेल से संन्यास लेने का फैसला किया। उनकी अपार खेल क्षमता और अनुभव को देखते हुए, उन्हें हॉकी इंडिया द्वारा जूनियर पुरुष हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है।

श्रीजेश के खेल करियर में कई प्रमुख उपलब्धियाँ शामिल हैं, और उनकी कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स में सफलता प्राप्त की है। उनका अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण जूनियर टीम को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक होगा।

कोच के रूप में श्रीजेश की भूमिका

जूनियर पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच के रूप में, श्रीजेश की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। वे न केवल टीम के खिलाड़ियों को अपनी तकनीकी और रणनीतिक विशेषज्ञता का लाभ प्रदान करेंगे, बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से भी तैयार करेंगे। श्रीजेश के कोचिंग में आने से जूनियर टीम को उच्च स्तर की प्रशिक्षण और मार्गदर्शन मिलेगा, जो उनकी खेल क्षमता को सुधारने में मदद करेगा।

भविष्य की उम्मीदें

श्रीजेश की कोचिंग में जूनियर पुरुष हॉकी टीम से खेल की दुनिया में नई प्रतिभाओं के उभरने की उम्मीद है। उनके नेतृत्व में, टीम को उच्च स्तर की खेल रणनीतियों और अनुशासन का लाभ मिलेगा, जो उन्हें भविष्य में अधिक सफल बनाएगा।

श्रीजेश के अनुभव और उनकी खेल की गहरी समझ से जूनियर खिलाड़ियों को महत्वपूर्ण सीख मिलेगी, जो उनके करियर की नींव को मजबूत करेगी। उनके नेतृत्व में टीम की सफलता की संभावनाएँ बढ़ गई हैं, और भारतीय हॉकी के भविष्य के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।

निष्कर्ष

पेरिस पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद, पीआर श्रीजेश का खेल से संन्यास लेना और जूनियर पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त होना भारतीय हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। उनकी कोचिंग से नई प्रतिभाओं को निखारने और भारतीय हॉकी को एक नई दिशा देने की उम्मीद है। श्रीजेश की भूमिका और अनुभव टीम के लिए एक अमूल्य संपत्ति होंगे, और यह सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय हॉकी का भविष्य उज्जवल और सफल हो।

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