श्रीलंकाई नौसेना का भारतीय मछुआरों के खिलाफ विशेष अभियान: 55 नौकाएं जब्त, 413 गिरफ्तार

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,30 सितम्बर। श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय मछुआरों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया है, जिसके तहत 2024 की शुरुआत से अब तक 55 नौकाओं को जब्त किया गया है और 413 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है। यह अभियान श्रीलंकाई जल क्षेत्र में अवैध मछली पकड़ने के खिलाफ कार्रवाई के तहत किया जा रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच समुद्री सीमाओं को लेकर तनाव बढ़ सकता है।

भारतीय मछुआरों का अवैध मछली पकड़ना

श्रीलंकाई सरकार का दावा है कि भारतीय मछुआरे उसके जल क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ रहे हैं, जो कि वहां के समुद्री संसाधनों के लिए खतरा है। श्रीलंकाई अधिकारियों का कहना है कि भारतीय मछुआरों की गतिविधियों से वहां की मछली प्रजातियों का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे स्थानीय मछुआरों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

अभियान की कार्रवाई

श्रीलंकाई नौसेना ने इस अभियान के तहत कई क्षेत्रों में गश्ती की और भारतीय मछुआरों की नौकाओं को रोककर उनसे पूछताछ की। जब मछुआरे बिना अनुमति के श्रीलंकाई जल क्षेत्र में पाए गए, तो उनकी नौकाओं को जब्त कर लिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार मछुआरों को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया है, जहां उनकी न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

दोनों देशों के बीच तनाव

इस कार्रवाई ने भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमाओं को लेकर तनाव को बढ़ा दिया है। भारतीय मछुआरे अक्सर अपनी पारंपरिक मछली पकड़ने के लिए श्रीलंकाई जल क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, जिसे श्रीलंका अवैध मानता है। इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर भी चल रहा है, लेकिन समाधान अभी तक नहीं निकला है।

प्रतिक्रिया और समाधान की कोशिशें

भारतीय सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और श्रीलंकाई सरकार से मामले को सुलझाने के लिए बातचीत शुरू करने की मांग की है। मछुआरों की गिरफ्तारी के बाद से, भारतीय मछुआरों के संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी किए हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।

निष्कर्ष

श्रीलंकाई नौसेना का भारतीय मछुआरों के खिलाफ विशेष अभियान एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है, जो दोनों देशों के बीच समुद्री सीमाओं और संसाधनों के उपयोग के बारे में गंभीर सवाल उठाता है। इस मुद्दे का समाधान निकालना आवश्यक है ताकि दोनों देशों के बीच बेहतर समझ और सहयोग स्थापित हो सके। यह समय की मांग है कि दोनों सरकारें इस समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से करें, ताकि मछुआरों की आजीविका और दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बनाए रखे जा सकें।

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