एसएसजे गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, स्याल्दे द्वारा आयोजित “वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गीता-प्रेरित नीडोनॉमिक्स” पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला
स्याल्दे (अल्मोड़ा), 08 दिसंबर: एसएसजे गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, स्याल्दे (अल्मोड़ा) ने “गीता-प्रेरित नीडोनॉमिक्स फ़ॉर ग्लोबल इकोनॉमी” विषय पर एक ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. अभा अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया और मुख्य वक्ता प्रो. मदन मोहन गोयल—नीडोनॉमिक्स के प्रवर्तक, तीन बार कुलपति रह चुके तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर—का परिचय कराया। डॉ. निर्मला लोहानी आईक्यूएसी प्रभारी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
प्रो. गोयल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि नीडोनॉमिक्स (आवश्यकताओं का अर्थशास्त्र) की शिक्षा से शैक्षणिक संस्थानों में नीडो-हैप्पीनेस स्थापित की जा सकती है, जिससे युवाओं के मन में नीडो-इग्निशन उत्पन्न होता है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के सभी हितधारकों को ग्रीडोनॉमिक्स (लोभ के अर्थशास्त्र) से उत्पन्न समकालीन चुनौतियों को दूर करने के लिए नीडोनॉमिक्स अपनाना आवश्यक है। गीता से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने संदेश दिया—“मधुमक्खी की तरह उतना ही संग्रह करो जो जीवन के लिए पर्याप्त हो, इतना नहीं कि वह विनाश का कारण बन जाए।” यह जिम्मेदार आर्थिक व्यवहार की आवश्यकता पर जोर देता है।
प्रो. गोयल ने नीडो-थिंकिंग और आउट-ऑफ-द-बॉक्स समाधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए नीडो-उपभोग, नीडो-बचत, नीडो-उत्पादन, नीडो-निवेश, नीडो-वितरण, नीडो-परोपकार और नीडो-व्यापार जैसे क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता बताई, ताकि लोगों का नीडो-धन, नीडो-स्वास्थ्य और नीडो-खुशी सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने मानव मस्तिष्क को “मंकी माइंड ( एआई का दुरुपयोग)” से “मोंक माइंड (एसआई – आध्यात्मिक बुद्धि का उपयोग)” में बदलने का आह्वान किया। उनका कहना था कि नीडोनॉमिक्स महिलाओं, युवाओं और राजनीतिक नेताओं सहित मध्यम वर्ग के जीवन अनुभवों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और उन्हें एक नीडो-समाज के निर्माण में योगदान करने में समर्थ बनाता है।
अपने सारगर्भित निष्कर्ष में प्रो. गोयल ने सभी को स्ट्रीट स्मार्ट बनने की प्रेरणा दी सरल नैतिक,कर्मशील,उत्तरदायी और पारदर्शी जीवन व सुशासन में नीडोनॉमिक्स को एक सामान्य-बुद्धि आधारित दृष्टिकोण के रूप में अपनाने का अनुरोध किया।
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