समग्र समाचार सेवा
मलंग (इंडोनेशिया), 2 अक्टूबर। इंडोनेशिया में शनिवार शाम को एक फुटबॉल मैच के बाद मची भगदड़ में 127 लोगों की मौत हो गई. यह आंकडा मरने वालों की संख्या को संशोधित करने के बाद जारी किया गया है. मैच के बाद हुए विवाद को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिसके चलते प्रशंसकों के बीच भगदड़ मच गई और ज्यादातर लोगों की मौत कुचले जाने के कारण हुई है.
राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख लिस्ट्यो सिगिट प्रबोवो ने बताया कि मरने वालों की संख्या को संशोधित किया गया है और हादसे में मृतकों की संख्या 127 है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने पाया कि पीड़ितों में से कुछ की गिनती दो बार हो गई थी, जिस कारण पहले मृतकों की संख्या अधिक बताई गई थी. उन्होंने बताया कि आठ अस्पतालों में 100 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 11 की हालत गंभीर है.
इससे पहले पूर्वी जावा के वाइस गवर्नर एमिल दरदक ने मृतकों की संख्या 174 बताई थी. ‘फेडरेशन इंटरनेशनल डी फुटबॉल एसोसिएशन’ (फीफा) के अध्यक्ष ने स्टेडियम में हुई मौतों को ”सभी लोगों के लिए एक काला दिन और एक त्रासदी” बताया, जबकि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सुरक्षा प्रक्रियाओं की जांच के आदेश दिए.
#WATCH | At least 127 people died after violence at a football match in Indonesia, last night. The deaths occurred when angry fans invaded a football pitch after a match in East Java
(Video source: Reuters) pic.twitter.com/j7Bet6f9mE
— ANI (@ANI) October 2, 2022
पूर्वी जावा प्रांत के मलंग शहर में शनिवार शाम को आयोजित फुटबॉल मैच में मेजबान अरेमा एफसी सुरबाया की पर्सेबाया टीम से 3-2 से हार गई, जिसके बाद प्रशंसकों के बीच झड़पें शुरू हो गईं.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अपनी टीम की हार से निराश अरेमा के हजारों समर्थकों ने खिलाड़ियों और फुटबॉल अधिकारियों पर बोतलें और अन्य वस्तुएं फेंकी. प्रशंसक कंजुरुहान स्टेडियम के मैदान पर उमड़ पड़े और उन्होंने अरेमा प्रबंधन से पूछा कि घरेलू मैचों में 23 वर्ष तक अजेय रहने के बाद टीम यह मैच कैसे हार गई.
स्टेडियम के बाहर भी हिंसा शुरू हो गई और पुलिस के कम से कम पांच वाहनों को फूंक दिया गया. दंगा रोधी पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे भगदड़ मच गई. फीफा ने फुटबॉल स्टेडियम में आंसू गैस के गोले छोड़ने पर प्रतिबंध लगा रखा है.
आंसू गैस से बचने के लिए सैकड़ों लोग निकास द्वार की ओर भागे, जिससे कुछ लोगों की दम घुटने और कुचले जाने से मौत हो गई. अराजकता की इस स्थिति में दो अधिकारियों समेत 34 लोगों की स्टेडियम में ही मौत हो गई. मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं.
पूर्वी जावा के पुलिस प्रमुख निको अफिंता ने रविवार सुबह संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने प्रशंसकों के पुलिस पर हमला करने पर आंसू गैस दागने से पहले एहतियाती कार्रवाई भी की थी. प्रशंसक वाहनों को फूंक रहे थे.
अफिंता ने बताया कि 300 से अधिक लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कई लोगों ने रास्ते में और कई ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
इंडोनेशिया के फुटबॉल संघ पीएसएसआई ने इस घटना को देखते हुए प्रीमियर फुटबॉल लीग लीगा-1 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है. उसने अरेमा को बाकी के सत्र के लिए फुटबॉल मैचों की मेजबानी करने से भी प्रतिबंधित कर दिया है.
टेलीविजन पर आ रही खबरों में पुलिस और बचावकर्मियों को घायलों और मृतकों को एंबुलेंस में ले जाते हुए देखा गया.
शोक संतप्त परिजन मलंग के सैफुल अनवर जनरल हॉस्पिटल में अपने प्रियजन की सूचना मिलने का इंतजार करते दिखे. कुछ लोगों ने एक मुर्दाघर में शवों की शिनाख्त की कोशिश की.
राष्ट्रपति विडोडो ने रविवार को टेलीविजन पर दिए भाषण में हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा, मुझे इस त्रासदी पर गहरा खेद है और मैं उम्मीद करता हूं कि यह इस देश में किसी फुटबॉल मैच से जुड़ा आखिरी हादसा हो. भविष्य में ऐसी और मानवीय त्रासदी न होने दें. हमें इंडोनेशिया में खेल भावना, मानवता और भाईचारा बनाए रखना होगा.
विडोडो ने युवा एवं खेल मामलों के मंत्री जैनुद्दीन अमाली, राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख और पीएसएसआई अध्यक्ष को देश में फुटबॉल मैच तथा उसकी सुरक्षा प्रक्रियाओं का विस्तृत मूल्यांकन करने का आदेश दिया है. उन्होंने पीएसएसआई को लीग-1 को अस्थायी रूप से स्थगित करने का भी आदेश दिया है.
इंडोनेशिया में 2023 अंडर-20 फुटबॉल विश्वकप 20 मई से 11 जून तक होना है और 24 टीम इसमें हिस्सा ले रही हैं. मेजबान देश के तौर पर इंडोनेशिया ने इस विश्वकप के लिए क्वालिफाई कर लिया है.
अमाली ने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इस घटना ने निश्चित तौर पर हमारी फुटबॉल प्रशंसक देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है. मलंग के स्थानीय पुलिस प्रमुख फेर्ली हिदायत ने बताया कि शनिवार को मैच के दौरान स्टेडियम में करीब 42,000 दर्शक मौजूद थे. उन्होंने कहा कि ये सभी अरेमा समर्थक थे, क्योंकि आयोजकों ने विवाद से बचने के लिए स्टेडियम में पर्सेबाया प्रशंसकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था.
पूर्वी जावा के बिल्तार स्टेडियम में फरवरी 2020 में दोनों प्रतिद्वंद्वी फुटबॉल टीम के समर्थकों के बीच झड़पों के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया था. इन झड़पों से 18,000 डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ था.
शनिवार को हुई हिंसा दुनियाभर में खेल स्पर्धा में हुए सबसे बड़े हादसों में से एक है. ग्वाटेमाला सिटी में ग्वाटेमाला और कोस्टा रिका के बीच 1996 विश्व कप क्वालिफायर मैच में हिंसा में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी तथा 100 से अधिक घायल हो गए थे. अप्रैल 2001 में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में एक फुटबॉल मैच के दौरान 40 से अधिक लोगों की कुचलकर मौत हो गई थी.
(इनपुट- एजेंसी)
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