समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 16 जुलाई: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लखनऊ की एमपी-एमएलए विशेष मजिस्ट्रेट अदालत ने सेना पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में जमानत दे दी है। यह मामला उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए एक बयान से जुड़ा है, जिसे भारतीय सेना के मान-सम्मान के खिलाफ बताया गया।
कोर्ट में पेश हुए राहुल गांधी
मंगलवार को राहुल गांधी अदालत में व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए। लाइव लॉ के मुताबिक, उन्होंने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा के समक्ष आत्मसमर्पण कर जमानत की अर्जी दी। इस दौरान गांधी के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि उन्होंने कोई आपराधिक कृत्य नहीं किया और उनका इरादा सेना का अपमान करना नहीं था।
शिकायतकर्ता ने जताई आपत्ति
शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने अदालत में तर्क दिया कि गांधी का बयान भारतीय सेना के मनोबल को ठेस पहुंचाने वाला था और इससे सेना की गरिमा को नुकसान पहुंचा है। वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे बयानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने शर्तों के साथ दी जमानत
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राहुल गांधी को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो मुचलके भरने की शर्त पर जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी। गांधी पिछली पांच सुनवाइयों में मौजूद नहीं थे
इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले कर चुका है याचिका खारिज
इससे पहले राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एमपी-एमएलए कोर्ट के समन आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन यह स्वतंत्रता सीमित नहीं हो सकती, खासकर तब जब बयान किसी व्यक्ति या सेना का अपमान करता हो।
कई राज्यों में केस और विवाद
यह मामला 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए उस बयान से जुड़ा है जिसमें राहुल गांधी ने मीडिया पर सवाल उठाया था कि अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों के साथ हुई घटना पर क्यों सवाल नहीं पूछे जा रहे। सीमा सड़क संगठन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने इस बयान को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी।
देश के कई हिस्सों में राहुल गांधी के खिलाफ ऐसे बयानों को लेकर केस दर्ज हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में अमित शाह पर हत्या का आरोप लगाने वाले बयान पर गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि कार्यवाही पर रोक लगाई थी।
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