दूसरों की जान बचाने को बढ़े कदम, किसी ने 50वीं बार तो किसी ने 25वीं बार किया रक्तदान

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14जून।एसएन मेडिकल कॉलेज के ब्लडबैंक की ओर से रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। शिविर में एकत्रित रक्त कैंसर, एनीमिक गर्भवती महिलाओं, थैलेसीमिया, एचआईवी के व लावारिस मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा।
रक्त बनाया नहीं जा सकता। यह दान से ही मिलना संभव है। रक्तदान से हम किसी को सीधे जीवनदान देते हैं। इसलिए इसे महादान कहा जाता है। यह कहना है मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव का। उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर शनिवार को अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद और एटा-कासगंज में रक्तदान शिविर लगाए गए हैं। इन शिविरों में सुबह से ही लोग पहुंचने लगे और दूसरों की जान बचाने के लिए रक्तदान किया।

आगरा के कार्यालय में लगे शिविर ने किसी ने 50वीं बार रक्तदान किया तो किसी ने 25वीं बार। रक्तदान करने महादानी बने लोगों को अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से प्रशिस्त पत्र देकर सम्मानित किया गया। रक्तदाताओं ने कहा कि हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। इससे दूसरों की जान तो बचती ही है, रक्तदान करने वाला भी स्वस्थ रहता है।

आगरा में एसएन मेडिकल कॉलेज के सहयोग से कार्यालय, गुरुद्वारा गुरु का ताल के पास सिकंदरा और मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर लगाया गया।  कार्यालय के शिविर में 29 साल के रोहित उपाध्याय ने 50वीं बार रक्तदान किया। उन्होंने 2011 में पहली बार एनसीसी के शिविर में रक्तदान किया।
रोहित उपाध्याय 2011 से लगातार हर साल चार बार रक्तदान करते हैं। वह अब तक 50 बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जैसे सरहद पर जवान अपना लहू बहाकर देश की रक्षा करते हैं। हम भी जवान हैं, हमें दूसरों की जान बचाने के लिए रक्तदान करना चाहिए। हर स्वस्थ व्यक्ति को यह महादान करना चाहिए। एत्मादपुर क्षेत्र के 50 साल के गजेंद्र सिंह भी रक्तदान करने पहुंचे। उन्होंने 25वीं बार रक्तदान किया। कहा कि लोगों को रक्तदान करना चाहिए, जिससे जरूरतमंद की जान बच सके। 19 वर्षीय गौरव कुमार ने दूसरी बार रक्तदान किया। गौरव बीए प्रथम वर्ष के छात्र हैं। इससे पहले वह आगरा कॉलेज में रक्तदान कर चुके हैं।

एसएन मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर प्रेम सिंह ने बताया कि 18 से 60 वर्ष के लोग जिनका वजन 45 किलोग्राम से अधिक है, वह रक्तदान कर सकते हैं। हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम से अधिक होना चाहिए। स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक तीन माह के अंतराल पर रक्तदान कर सकता है।

एसएन मेडिकल कॉलेज के ब्लडबैंक की ओर से रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। शिविर में एकत्रित रक्त कैंसर, एनीमिक गर्भवती महिलाओं, थैलेसीमिया, एचआईवी के व लावारिस मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा।

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