Stock Market: साल के पहले दिन, पहला सेशन… ग्रीन दिखाकर लाल हो गया शेयर बाजार

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,1 जनवरी।
साल 2025 का पहला कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहा। शुरुआत हरियाली के साथ हुई, जिससे निवेशकों में उम्मीद जगी कि नया साल बेहतर रिटर्न लेकर आएगा। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीता, बाजार लाल निशान में बंद हुआ, और निवेशकों की उम्मीदों को झटका लगा।

शुरुआती तेजी

सेंसेक्स और निफ्टी ने सोमवार को सकारात्मक रुख के साथ कारोबार की शुरुआत की।

  • सेंसेक्स: शुरुआती घंटे में 300 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था।
  • निफ्टी: 19,800 के स्तर को पार कर गया, जिससे निवेशकों में विश्वास बढ़ा।
    यह तेजी वैश्विक बाजारों में सकारात्मक संकेतों और घरेलू कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन की उम्मीदों के कारण थी।

अचानक गिरावट

दोपहर होते-होते बाजार में मुनाफावसूली का दौर शुरू हो गया।

  • सेंसेक्स: 250 अंकों की गिरावट के साथ 65,500 के स्तर पर बंद हुआ।
  • निफ्टी: 19,600 के नीचे फिसल गया।
    गिरावट की वजह बैंकिंग और मेटल सेक्टर में भारी बिकवाली को माना जा रहा है।

गिरावट के प्रमुख कारण

  1. वैश्विक बाजारों का दबाव: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता ने भारतीय बाजार पर भी असर डाला।
  2. मुनाफावसूली: साल की अच्छी शुरुआत के बाद निवेशकों ने मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया।
  3. बैंकिंग और मेटल सेक्टर का दबाव: इन सेक्टर्स में भारी बिकवाली ने बाजार की धारणा को कमजोर किया।
  4. FII का दबाव: विदेशी निवेशकों ने साल की शुरुआत में भारी बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा।

किन सेक्टर्स ने किया प्रदर्शन?

  • हारा हुआ: बैंकिंग, मेटल और रियल एस्टेट सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।
  • जीता हुआ: आईटी और फार्मा सेक्टर ने कुछ हद तक बाजार को सहारा देने की कोशिश की।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

  1. लंबी अवधि का नजरिया: विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी, लेकिन लंबी अवधि के निवेशक बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।
  2. सेक्टर आधारित रणनीति: आईटी और फार्मा जैसे रक्षात्मक सेक्टर्स में निवेश करना सुरक्षित हो सकता है।
  3. मुनाफावसूली से बचें: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद घबराकर निवेश न बेचें।

साल 2025 के लिए उम्मीदें

  • बजट 2025: आने वाले केंद्रीय बजट पर निवेशकों की नजरें टिकी हैं। अगर बजट में आर्थिक सुधारों पर जोर दिया गया, तो बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।
  • वैश्विक संकेत: अमेरिका और चीन के आर्थिक आंकड़ों का भारतीय बाजार पर असर रहेगा।
  • स्थानीय कारक: घरेलू कंपनियों के तिमाही नतीजे और सरकारी नीतियां बाजार की दिशा तय करेंगी।

निष्कर्ष

साल के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को मिलेजुले संकेत दिए। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह साल दीर्घकालिक निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकता है। बाजार में अस्थिरता के बावजूद धैर्य बनाए रखना और सही सेक्टर में निवेश करना इस साल सफलता की कुंजी साबित हो सकता है।

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