80 KM की रफ्तार वाली आंधी और मौत बनकर बरसी बारिश! दिल्ली-NCR में तबाही, 4 की मौत, सड़कों पर जलप्रलय, 100 फ्लाइट्स लेट

समग्र समाचार सेवा
दिल्ली 2 मई 2025:
राजधानी दिल्ली और NCR में मौसम ने गुरुवार शाम ऐसा कहर बरपाया कि लोगों को दिन में ही कयामत का मंजर देखने को मिला। 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी और उसके बाद आई मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से ठप कर दिया।

आंधी-तूफान के इस तांडव में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं। फ्लाइट्स से लेकर मेट्रो तक, सड़कों से लेकर इमारतों तक—हर जगह सिर्फ अफरा-तफरी और बर्बादी का आलम है।

शाम करीब 6 बजे आसमान पर घने बादल छा गए और अचानक तेज हवाओं ने राजधानी को जकड़ लिया। हवा इतनी जबर्दस्त थी कि कई जगह पेड़ धराशायी हो गए, बिजली के खंभे झुक गए, और एक पुराने मकान के गिरने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

नोएडा में एक निर्माणाधीन साइट पर शटरिंग गिरने से दो मजदूरों की मौत की खबर है।

लोगों ने सोशल मीडिया पर कई भयावह वीडियो साझा किए, जिनमें तेज हवा में उड़ती टिन की चादरें, बेकाबू हो चुके वाहन और गिरते-बिजली के तारों की चिंगारियां देखी जा सकती हैं।

बारिश ने राजधानी की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी। महज़ एक घंटे की मूसलधार बारिश ने साउथ दिल्ली, राजौरी गार्डन, पटेल नगर, गुरुग्राम और नोएडा को तालाब में बदल दिया।

लोग घंटों जाम में फंसे रहे। कई गाड़ियाँ पानी में तैरती नजर आईं और बाइक सवारों को धक्का देकर गाड़ियाँ निकालनी पड़ीं।

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी हाहाकार मच गया।
तेज हवाओं और लो विजिबिलिटी के चलते करीब 100 फ्लाइट्स देरी से चलीं, वहीं 25 फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा। यात्रियों की लंबी कतारें, बैग्स के ढेर और गुस्साए चेहरे—यह नजारा एयरपोर्ट पर आम हो गया।

दिल्ली मेट्रो की कई लाइनों पर सिग्नल फेलियर और बिजली कटौती के चलते सेवा बाधित रही। राजीव चौक और कश्मीरी गेट जैसे व्यस्त स्टेशनों पर भीड़ बेकाबू हो गई। कुछ ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोका गया, जिससे यात्रियों को दमघोंटू माहौल में फंसा रहना पड़ा।

दिल्ली सरकार ने NDRF और सिविल डिफेंस को अलर्ट मोड पर डाल दिया है। लेकिन लोग पूछ रहे हैं—हर साल यही क्यों होता है?
क्या राजधानी हर बार एक बारिश से ठप हो जाएगी?
क्या कोई तैयारी नहीं होती, या फिर हम सिर्फ ‘प्राकृतिक आपदा’ कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं?

इस तूफानी कहर ने एक बार फिर बता दिया कि दिल्ली-NCR की व्यवस्था प्राकृतिक मार के आगे कितनी नाकाम है।
बारिश आई नहीं कि बिजली गई, पानी भरा, ट्रैफिक जाम हुआ और ज़िंदगी ठहर गई।

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