समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 6 सितम्बर। यूपी के प्रतापगढ़ के कालाकांकर राजघराने की बेटी और जयपुर के प्रतापगढ़ राजघराने के राजा जय सिंह सिसोदिया की पत्नी राजकुमारी रत्ना सिंह हाल ही में दो कारणों से चर्चा में हैं। साल 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं राजकुमारी रत्ना ने कुंडा विधायक राजा भैया की सियासी जंग में नई चुनौती दी. वह अपने पति राजा जय सिंह के खिलाफ कोर्ट केस के चलते भी चर्चा में रहीं।
प्रतापगढ़ के कलाकर राजपरिवार की राजकुमारी रत्ना दो शाही परिवारों की वारिस हैं। जयपुर के सिसोदिया शाही परिवार के साथ, वह अपने पैतृक परिवार की उत्तराधिकारी भी हैं।
वह राजा दिनेश सिंह की छह बेटियों में सबसे छोटी हैं, उन्हें कलाकांकर रियासत की विरासत मिली है। वह प्रतापगढ़ से तीन बार कांग्रेस सांसद भी रह चुकी हैं। प्रतापगढ़ राज्य और कलाकांकर राज्य के बीच हमेशा से राजनीतिक मतभेद रहे हैं। स्वतंत्रता के बाद कालकंकर राज्य कांग्रेस के नेतृत्व में बन गया, जबकि राजा भैया का भद्री राज्य विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा हुआ है।
राजा भैया ने 2004 के लोकसभा चुनाव में राजकुमारी रत्न के खिलाफ अपने बहनोई अक्षय प्रताप सिंह को मैदान में उतारा था। इस चुनाव में रत्ना की हार हुई थी, लेकिन 2009 में अक्षय प्रताप को हराकर उन्हें संसदीय कुर्सी वापस मिल गई।
वहीं राजकुमारी रत्ना अपने पारिवारिक विवाद को लेकर भी चर्चा में रही हैं। रत्ना की शादी जयपुर के राजा जय सिंह सियोदिया से हुई है, लेकिन वह सुर्खियों में तब आईं जब उनके पति पर ड्रग्स और शराब के कारण संपत्ति बर्बाद करने का आरोप लगा। राजस्थान-गुजरात के तत्कालीन शाही परिवार की सदस्य और महाराणा प्रताप की वंशज राजकुमारी रत्ना सिंह अपने पति राजा जय सिंह की संपत्ति का कानूनी संरक्षण प्राप्त करने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय पहुंची थीं।
उसने अदालत को बताया था कि राजा जय सिंह सिसोदिया को कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां हैं और वह दूसरों पर निर्भर हैं। ऐसे में उसे संपत्ति का कानूनी संरक्षक बनाया जाना चाहिए ताकि वह अपने बच्चों की परवरिश में इसका सही इस्तेमाल कर सके।
अदालत ने तब राजकुमारी रत्ना को संविधान की धारा 226 के तहत याचिका दायर करने का सुझाव दिया क्योंकि उनके बच्चे बड़े हैं और वह वर्तमान दायर मामले के तहत कानूनी अभिभावक की हकदार नहीं हैं। इससे पहले उन्होंने गार्जियन वार्ड एक्ट-1890 के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद राजकुमारी रत्ना ने कोर्ट से केस वापस ले लिया। राजकुमारी रत्न ज्यादातर अपने राज्य कलाकांकर में ही रहती हैं।
2009 में, नेशनल इलेक्शन वॉच नाम के एक एनजीओ के अनुसार, वह देश की सबसे अमीर महिला सांसदों में से एक थीं। उस समय उनके पास 67 करोड़ 82 लाख रुपये की संपत्ति थी।
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