पाक सेना का कड़ा संकेत: ‘भविष्य युद्ध होगा विनाशकारी, नक्शे से मिटाने वाली बातें दोनों तरफ असर करेंगी’

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर: भारत के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुखों के हालिया बयानों के बाद पाकिस्तान सेना ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि अगर भविष्य में दोनों देशों के बीच कोई युद्ध होता है, तो वह बेहद विनाशकारी साबित होगा। सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान किसी भी हमले का जवाब “तेज़, निर्णायक और बिना संयम के” देगा।

पाक सेना के प्रवक्ता ने कहा कि “जो लोग नया नियम बनाना चाहते हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि पाकिस्तान अब भौगोलिक सीमाओं के पीछे छिपने वाला नहीं है। पाकिस्तान की सेना के पास दुश्मन के हर इलाके तक पहुंचने की क्षमता है।” बयान में कहा गया कि पाकिस्तान की जनता और सशस्त्र बल किसी भी चुनौती का डटकर सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

पाकिस्तान सेना ने आगे कहा कि भारत की ओर से दिए जा रहे भड़काऊ बयानों से क्षेत्रीय शांति को खतरा हो सकता है। सेना ने चेतावनी दी कि यदि शत्रुता का कोई नया दौर शुरू होता है, तो पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा, बल्कि पूरी ताकत के साथ जवाब देगा।

सेना ने कहा, “हमने अब एक नया तरीका अपनाया है जो तेज़, निर्णायक और विनाशकारी होगा। बेवजह की धमकियों और बेतहाशा हमलों का सामना करते हुए पाकिस्तान अपनी पूरी क्षमता के साथ हर मोर्चे पर लड़ाई करने को तैयार है।”

पाकिस्तान का यह बयान भारत के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयानों के जवाब में आया है। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत जरूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी सीमा को पार कर सकता है, वहीं जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान को चेताया था कि अगर वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता, तो उसे अपने अस्तित्व पर पुनर्विचार करना होगा।

जनरल द्विवेदी ने यह भी कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने जो संयम दिखाया था, भविष्य में वैसा संयम नहीं दोहराया जाएगा। उन्होंने भारतीय सैनिकों से सतर्क रहने और युद्ध के लिए तैयार रहने का भी आह्वान किया था।

दोनों देशों के बीच यह बयानबाज़ी ऐसे समय में हो रही है जब सीमाओं पर तनाव लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के भड़काऊ बयानों से स्थिति और जटिल हो सकती है। भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद और कूटनीति के माध्यम से तनाव कम करने की आवश्यकता पहले से अधिक महसूस की जा रही है।

 

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