दिल्ली पुलिस का सब-इंस्पेक्टर और दो सिपाही गिरफ्तार।

इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली पुलिस के एक सब- इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों समेत 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस के सिपाही भर्ती में धोखाधड़ी  के आरोप में इनको गिरफ्तार किया गया।
अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि साइबर सेल, अपराध शाखा की टीम ने दिल्ली पुलिस के तीन कर्मचारियों व परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है जिनके नाम  हैं: प्रोबेशनर सब- इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार सिद्दू (निवासी ग्राम नानोंद, सांपला, रोहतक, हरियाणा), सिपाही शिखा, 29 वर्ष( निवासी ग्राम देहरा, समालखा, पानीपत, हरियाणा), सिपाही विशाल कुमार, 29 वर्ष (निवासी ग्राम मुकंदपुर, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) , राधे श्याम, 47 वर्ष (निवासी ग्राम जदोदा जट्ट, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) , विकास कुमार, 22 वर्ष,( निवासी  सरदटेड़ी, शाहजहांपुर, हरिद्वार, उत्तराखंड) और  मोहित कुमार बालियान, 43 वर्ष, (निवासी मुतफरिरका, खतौली, मुजफ्फर नगर, उत्तर प्रदेश) हैं।
फर्जी वाडे से सिपाही बना-
साइबर सेल, अपराध शाखा को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस पुरुष और महिला सिपाही (कार्यकारी) 2020 की भर्ती जो कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित की गई थी, के दौरान एक उम्मीदवार अर्जुन सिंह, निवासी ग्राम दुहरकी, थाना रामपुर मनिहारान, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, ने  जाली तरीकों से अपनी परीक्षा उत्तीर्ण की है।
जांच के दौरान, कथित उम्मीदवार अर्जुन सिंह से पूछताछ की गई, उसने खुलासा किया कि उसने आईओएन डिजिटल जोन, रूड़की-देहरादून हाईवे, उत्तराखंड में आयोजित परीक्षा, किसी दूसरे व्यक्ति की मदद से उत्तीर्ण की थी।
कर्मचारी चयन आयोग से सीसीटीवी फुटेज सहित अपेक्षित जानकारी प्राप्त की गई व सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने पर पता चला कि उम्मीदवार अर्जुन सिंह परीक्षा लैब में प्रवेश कर अपनी सीट पर बैठा था व कुछ समय बाद उसने अपनी सीट छोड़ दी और लगभग 10 मिनट बाद एक फर्जी उम्मीदवार अर्जुन सिंह की सीट पर आकर बैठ गया और उसकी ऑनलाइन परीक्षा पूरी की।
अर्जुन सिंह ने अपने कपड़े पहना कर परीक्षा हॉल में एक फर्जी उम्मीदवार भेजा था। जिसके लिए उसने 9 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया था।
सब- इंस्पेक्टर गिरफ्तार-
जांच में यह बात सामने आई है कि दिल्ली पुलिस में प्रोबेशशर सब- इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार नामक व्यक्ति को फर्जी उम्मीदवार बनाकर भेजा गया था।
जांच के दौरान सब- इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया गया, जो पैसे के बदले सह-आरोपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह की ओर से उपरोक्त परीक्षा में शामिल हुआ था।
पूछताछ के दौरान आरोपी प्रवीण कुमार ने खुलासा किया कि लैब स्टाफ की मदद से वह  अर्जुन सिंह की जगह परीक्षा में शामिल हुआ था।
पूछताछ के बाद साजिश में शामिल सिपाही विशाल और  सिपाही शिखा  को भी  गिरफ्तार किया गया।  दोनों आरोपियों ने वर्तमान मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि सब- इंस्पेक्टर प्रवीण ने अर्जुन सिंह की परीक्षा दी थी।
महिला सिपाही की भूमिका-
पूछताछ के दौरान सिपाही विशाल ने खुलासा किया कि वह 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था और 2020 में दिल्ली के मंगोलपुरी में  महिला सिपाही से मिला था। महिला सिपाही ने कहा कि वह पैसे लेकर किसी को भी परीक्षा में पास करा सकती हैं।
सिपाही विशाल ने आगे खुलासा किया कि वर्ष 2020 में, उसके  दोस्त अर्जुन निवासी गांव- दुहरकी ने उसे बताया कि उसने दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के लिए आवेदन किया है।
 पैसे नहीं दिए-
विशाल से अर्जुन को दिल्ली पुलिस में भर्ती कराने  के लिए  सिपाही शिखा ने 9 लाख रुपए में बात तय की थी। बाद में  सिपाही शिखा और उसके सहयोगियों द्वारा सब- इंस्पेक्टर प्रवीण (फर्जी उम्मीदवार) को भेजा गया, जो अर्जुन के स्थान पर परीक्षा में उपस्थित हुआ और परीक्षा पास कर ली। परन्तु अर्जुन ने तय राशि का भुगतान नहीं किया। उसके पश्चात् इन सभी ने अर्जुन के घर जाकर उसके परिवार से पैसों के लिए झगड़ा किया।
अर्जुन फरार-
किसी दूसरे से परीक्षा दिलवा कर सिपाही बना
अर्जुन सिंह फरार है। अपराध शाखा उसकी तलाश कर रही हैं। अर्जुन सिंह को नौकरी से बरखास्त कर दिया गया है।
परीक्षा केंद्र 
जांच के दौरान, लैब  स्टाफ राधे श्याम, विकास कुमार, मोहित कुमार बालियान को भी गिरफ्तार किया गया। उन्होंने खुलासा किया कि वे सभी आईओएन डिजिटल जोन, रुड़की-देहरादून राजमार्ग, उत्तराखंड लैब में रुड़की कॉलेज ऑफ फार्मेसी (आरसीपी) द्वारा प्रतिनियुक्त किए गए थे।
आरोपी राधे श्याम और विकास कुमार ने खुलासा किया कि उन्होंने मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर परीक्षा स्थल में  जाली उम्मीदवार को प्रवेश करने में उसकी मदद की। इसके अलावा आरोपी मोहित कुमार बालियान ने खुलासा किया कि उसे भी आरसीपी कॉलेज द्वारा लैब में प्रतिनियुक्त किया गया था। परीक्षा के दौरान उसने राधे श्याम और विकास कुमार को परीक्षा में अन्य जाली उम्मीदवार को शामिल करने का निर्देश  था व परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज के साथ भी छेड़छाड़ की।
आरोपियों का प्रोफाइल : 
1- सब- इंस्पेक्टर प्रवीण, 25 वर्ष, निवासी वीपीओ नानोंद, सांपला, रोहतक, हरियाणा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई एमडीयू रोहतक, हरियाणा से की है। स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद वह हरियाणा सरकार में सिंचाई विभाग में शामिल हो गया और 03 वर्ष तक वहां काम किया। इसके बाद 2022 में उसका चयन दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर हो गया।
2- सिपाही शिखा, 29 वर्ष, निवासी वीपीओ देहरा, समालखा, पानीपत, हरियाणा। उसके पिता एक किसान हैं | उसने अपनी स्नातक की पढ़ाई हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से की है और वह वर्ष 2019 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हो गईं।
3- सिपाही विशाल कुमार, 29 वर्ष, निवासी ग्राम मुकंदपुर, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश ने अपनी स्नातक की पढ़ाई हिमाचल विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश से की है और उसके बाद वर्ष 2019 में उसका चयन दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर हो गया ।
4- राधे श्याम, उम्र 47 वर्ष, ग्राम जादौडा जट्ट, देवबंद रोड, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में एक इलेक्ट्रीशियन था। परीक्षा के दौरान उसने मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर फर्जी उम्मीदवार को परीक्षा स्थल में प्रवेश करने में मदद की।
5- विकास कुमार, उम्र 22 वर्ष, वीपीओ सरदटेड़ी, शाहजहांपुर, हरिद्वार, उत्तराखंड का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में चपरासी था और आरसीपी कॉलेज के लैब में नियुक्त किया गया था। उसने ऊपरी सीढ़ी का ताला खोलने के बाद मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने में फर्जी उम्मीदवारों की मदद की।
6- मोहित कुमार बालियान, उम्र 43 वर्ष, मुतफरिरका, खतौली, जिला मुजफ्फर नगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में आईटी हेड/नेटवर्क एडमिन था। परीक्षा के दौरान उसने राधे श्याम और विकास को परीक्षा में फर्जी उम्मीदवारों को प्रवेश देने का निर्देश दिया था। उसने परिक्षास्थल के सीसीटीवी फुटेज में भी छेड़छाड़ की थी।

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