स्वदेशी ‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण: दुश्मन के स्वार्म ड्रोन अब आसमान में ही राख बनेंगे!

जीजी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली,14 मई ।
भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूती मिली है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी रूप से विकसित किए गए अत्याधुनिक एंटी-स्वार्म ड्रोन हथियार ‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण किया है। यह हथियार अब किसी भी दुश्मन के दर्जनों ड्रोन के झुंड यानी स्वार्म ड्रोन्स को पल भर में आसमान में ही भस्म कर देगा।

भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों द्वारा विकसित भार्गवास्त्र एक नई पीढ़ी का उच्च तकनीक युक्त रक्षा प्रणाली है, जो स्वार्म ड्रोन के खतरे को खत्म करने के लिए डिजाइन की गई है। आधुनिक युद्धों में ड्रोन का उपयोग तेजी से बढ़ा है, विशेषकर स्वार्म ड्रोन जो एक साथ कई दिशाओं से हमला कर सकते हैं। ऐसे में ‘भार्गवास्त्र’ दुश्मन की इस चाल को नाकाम करने वाला गेमचेंजर साबित हो सकता है।

ट्रायल के दौरान ‘भार्गवास्त्र’ ने हवा में उड़ रहे 50 से ज्यादा ड्रोन टारगेट्स को सटीकता से ट्रैक और नष्ट कर दिया। यह परीक्षण राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में किया गया, जहां तेज गर्मी और धूलभरी हवा के बावजूद सिस्टम ने अद्वितीय सटीकता दिखाई।

यह प्रणाली मल्टी-सेंसर फ्यूजन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस है। जब दुश्मन के ड्रोन समूह में भारत की सीमा की ओर बढ़ते हैं, ‘भार्गवास्त्र’ उन्हें स्वचालित रूप से पहचानता है, उनकी गति और दिशा को ट्रैक करता है और फिर माइक्रोवेव अथवा डायरेक्टेड एनर्जी से उन्हें निष्क्रिय कर देता है – वह भी महज कुछ सेकंड में।

रक्षा मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि भार्गवास्त्र का सफल परीक्षण भारत को एंटी-ड्रोन युद्ध तकनीक में विश्व के अग्रणी देशों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देगा। अमेरिका, चीन और इजरायल जैसी सैन्य महाशक्तियों के पास ही ऐसी उन्नत तकनीक है।

रक्षा विश्लेषक कर्नल (से.नि.) अशोक मेहता के अनुसार,

“भार्गवास्त्र केवल एक हथियार नहीं, बल्कि यह भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह आने वाले वर्षों में सीमाओं पर होने वाले हर तरह के हवाई हमलों के खिलाफ हमारी पहली और सबसे मजबूत दीवार बनेगा।”

यह परियोजना पूरी तरह से स्वदेशी है। इसमें देश के युवा वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स और निजी रक्षा कंपनियों ने मिलकर योगदान दिया है। रक्षा मंत्री ने इसे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सबसे बड़ी सफलता करार दिया है।

पड़ोसी देशों द्वारा सीमाओं पर स्वार्म ड्रोन भेजकर जासूसी या हमला करने की जो मंशा होती थी, अब वह ‘भार्गवास्त्र’ के आगे दम तोड़ती दिख रही है। यह हथियार न केवल दुश्मन के ड्रोन गिराएगा, बल्कि उन्हें ऐसा सबक देगा कि वे अगली बार भारत की ओर देखने से भी डरेंगे।

भार्गवास्त्र’ भारत की सुरक्षा ढाल को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत कर चुका है। जिस तरह से इस तकनीक ने परीक्षण में शानदार प्रदर्शन किया है, वह आने वाले समय में भारतीय सेना के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकता है। अब दुश्मनों के स्वार्म ड्रोन सिर्फ उड़ेंगे नहीं – वे उड़ते ही गिराए जाएंगे!

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