असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ सुहेलदेव राष्ट्रीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन करके राजा सुहेलदेव का किया अपमान!
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11जुलाई। दलित नेताओं को मुस्लिम कैसे मूर्ख बनाते हैं और आखिर जानबूझकर यह दलित नेता इन मुस्लिमों की कट्टरता को क्यों नहीं समझते मुझे इस पर बहुत आश्चर्य होता है। उत्तर प्रदेश में एक राजनीतिक पार्टी है जिसका नाम है सुहेलदेव राष्ट्रीय समाज पार्टी …उसके अध्यक्ष हैं ओमप्रकाश राजभर….
दरअसल उत्तर प्रदेश में राजभर नामक एक जाति पाई जाती है जो अनुसूचित जाति की श्रेणी में आते हैं।
इसी जाति के एक महान राजा हुए थे जो बहराइच और उसके आसपास के इलाके पर राज करते थे उनका नाम था महाराजा सुहेलदेव उसी समय महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया था और महमूद गजनवी ने अपने भांजे महमूद सालार गाजी को उत्तर प्रदेश में मंदिरों को लूटने हिंदुओं का धर्मांतरण करने के लिए भेजा।
बहराइच के राजा सुहेलदेव ने आतताई दरिंदे सालार गाजी का बहुत बहादुरी से सामना किया दोनों में भीषण लड़ाई हुई और राजा सुहेलदेव ने आतताई दरिंदे सालार गाजी को परास्त करके उसे मार दिया।
बाद में महमूद गजनी को जब यह घटना पता चली तब उसने बहुत भारी सेना लेकर बहराइच पर आक्रमण किया और राजा सुहेलदेव के राज्य का अंत किया। बाद में मुस्लिमों ने उस दरिंदे सालार गाजी का मजार बना दिया और आश्चर्य इस बात का है कि बिना सालार गाजी के इतिहास को जाने कई हिंदू भी उसके मकबरे में सजदा करने जाते हैं।
कल बहराइच की यात्रा पर जब असदुद्दीन ओवैसी पहुंचे तब उन्होंने सालार गाजी के मजार पर मजार पर चादर चढ़ाई नमाज पढ़ा सजदा किया और मजे की बात यह की जिस महमूद सालार गाजी की वजह से महाराजा सुहेलदेव के राज्य का पतन हुआ उसके मजार पर सजदा करने वाले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ राजा सुहेलदेव के नाम पर बनी पार्टी सुहेलदेव राष्ट्रीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन किया हुआ है।
दरअसल सभी उन जातियों के लोगो को यह सोचना चाहिए कि जो तथाकथित कुछ धूर्त उनके जाति के ठेकेदार बनकर अपनी राजनीतिक उल्लू साधने के लिए और अपने परिवार के लोगों को ही मलाई चाटने के लिए राजनीति में जाति के उस जातिवाद के नाम पर आए हैं आखिर उनसे उनकी जाति का क्या कभी भला हो सकता है ?
भारत का संविधान ऐसा बना है कोई भी व्यक्ति जाति के नाम पर कोई फैसला नहीं ले सकता लेकिन जात के नाम पर बनी पार्टियों के मालिक अपने बेटे बेटे भाइयों तथा रिश्तेदारों के लिए जिंदगी भर मलाई खाने का इंतजाम कर देते है और मेरे मित्रों एक बार गूगल पर सर्च कर लेना कि इस्लाम में गाजी की उपाधि किसे दी जाती है गाजी या हाजी या मुक्ति यह कोई नाम नहीं होते बल्कि इस्लाम की एक उपाधि होती है।
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