समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15जून। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में भ्रष्टाचार को लेकर मामला और भी संवेदनशील होता जा रहा है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के सारे आरोपों को खारिज करने के बाद भी इस मामलों को लेकर कई सवाल उठ रहे है। अब इस मामलें को लेकर जमीन के मालिक रहे सुल्तान अंसारी सामने आए हैं और उन्होंने इस डील की पूरी कहानी सुनाई है। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में उन्होंने बताया है कि डील में कोई हेरा-फेरी नहीं हुई है, ये सच है कि दो बार रजिस्ट्री की गई थी। पहली रजिस्ट्री 2 करोड़ कीमत की थी जबकि दूसरी 18.5 करोड़ रुपये में ट्रस्ट के नाम की गई थी।
सुल्तान अंसारी ने बताया कि वर्ष 2011 में पहली बार एग्रीमेंट हुआ था और उस एग्रीमेंट में हमारे पिताजी और हरीश कुमार पाठक थे, लेकिन जब 2021 में बैनामा हुआ तो हमने तिवारी जी को भी उसमें शामिल कर लिया।
सुल्तान अंसारी ने कहा कि वर्ष 2011 में पहली बार एग्रीमेंट हुआ था और उस एग्रीमेंट में हमारे पिताजी और हरीश कुमार पाठक थे, लेकिन जब 2021 में बैनामा हुआ तो हमने तिवारी जी को भी उसमें शामिल कर लिया. दूसरा एग्रीमेंट 2014 में हुआ है. 4 मार्च 2014 ट्रस्ट के माध्यम से हमसे चंपत राय जी और दो-चार मेंबर ने जमीन लेने के लिए संपर्क किया और फिर हमारी उनके साथ डील हुई. हमारा उनका रेट जो है साढ़े 18 करोड़ रुपए में तय हुआ और वहीं हमने एग्रीमेंट किया. अभी तक ₹17,00,00,000 दिया है. उन्होंने कहा था कि जब बैमाना कराएंगे तो बचा हुआ डेढ़ करोड़ भी दे देंगे. जमीन के रेट में तो इतना फैसला हुआ है यह 2 मिनट या 10 मिनट में नहीं हुआ है और जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह झूठे हैं।
सुल्तान अंसारी ने बताया कि 2011 में जमीन का एग्रीमेंट 1,00,00,000 रुपए (एक करोड़) में हुआ था और 10,00,000 रुपए (दस लाख) हमने पेशगी दी और 2014 में उसका रिनुअल हुआ, लेकिन जब 2019 में हमने उसका एग्रीमेंट कराया तो उसकी कीमत ₹2,00,00,000 (दो करोड़) हो गई। हमने उनको तब ₹50,00,000 पेशगी में दिए थे। इसके बाद 2 लोगों के नाम पर हमारा बैनामा हुआ और 8.30 करोड़ पर हमारे खाते में आए और 8.30 करोड़ रुपये रवि मोहन के खाते में आए
बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की थी। सिंह ने लखनऊ में दावा किया था कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी।
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