सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक की जमानत छह महीने के लिए बढ़ाई

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11 जनवरी।सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की अंतरिम जमानत को छह महीने के लिए बढ़ा दिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताए जाने के बाद जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने मलिक की मेडिकल जमानत बढ़ा दी।

इससे पहले शीर्ष अदालत ने पिछले साल 12 अक्टूबर को मलिक की अंतरिम जमानत तीन महीने के लिए बढ़ा दी थी। ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामले में चिकित्सा आधार पर बंबई उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने से इनकार करने के बाद मलिक ने शीर्ष अदालत में अपील की थी।

शीर्ष अदालत ने मलिक की किडनी की बीमारी और अगस्त 2021 में अंतरिम जमानत मिलने के बाद से उनकी स्थिति में सुधार की कमी को स्वीकार किया था।

मलिक को ईडी ने फरवरी 2022 में भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने अपनी क्रोनिक किडनी रोग और अन्य बीमारियों का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय से राहत मांगी थी और योग्यता के आधार पर जमानत का भी अनुरोध किया था। उच्च न्यायालय दो सप्ताह के बाद योग्यता के आधार पर जमानत के लिए उनकी याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हुआ था।

मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है, क्योंकि दाऊद इब्राहिम एक नामित वैश्विक आतंकवादी है और 1993 के मुंबई हमले का एक प्रमुख आरोपी है।

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