सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल दी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29 जनवरी:
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (28 जनवरी) को 2020 दिल्ली दंगों के आरोपी और पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को राहत देते हुए कस्टडी पैरोल की मंजूरी दे दी है। अदालत ने उन्हें आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए 29 जनवरी से 3 फरवरी तक हिरासत में पैरोल देने की अनुमति दी है। ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद सीट से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

पिछले दिनों ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इसके बाद उन्होंने पुलिस हिरासत में रहते हुए प्रचार करने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ, जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता शामिल थे, ने ताहिर हुसैन को सुरक्षा के खर्च के रूप में 2,07,429 रुपये की अग्रिम राशि जमा करने का आदेश दिया। पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि हुसैन को मुस्तफाबाद स्थित अपने घर नहीं जाने दिया जाएगा, क्योंकि अभियोजन पक्ष के अनुसार, यही घर दंगों की साजिश का केंद्र था।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ताहिर हुसैन को सिर्फ दिन में चुनाव प्रचार की अनुमति दी जाएगी और रात को उन्हें जेल वापस लौटना होगा। इसके अलावा, अदालत ने उन्हें अपने मामले के गुण-दोष पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी करने से भी रोका है।

इससे पहले, 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ ने ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर खंडित फैसला सुनाया था। इसके बाद मामले को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के समक्ष विचार के लिए रखा गया था, जिनकी पीठ ने इस पर सुनवाई की।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में ताहिर हुसैन की दो अन्य मामलों में हिरासत में होने की जानकारी दी और कहा कि अगर उन्हें अंतरिम जमानत भी मिलती है, तो वह बाहर नहीं आ पाएंगे। पुलिस ने यह भी बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान हुसैन को सुरक्षा की आवश्यकता होगी, लेकिन इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है।

ताहिर हुसैन, जो पहले आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य थे, फिलहाल एआईएमआईएम पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन नामांकन दाखिल करने के लिए हिरासत में पैरोल दी थी।

 

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