सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, दिल्ली में चलाई जाएं 1000 एक्स्ट्रा CNG बसें

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18नवंबर। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अब सरकारें एक्शन में आ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई कदमों का ऐलान किया है। दिल्ली में 21 नवंबर तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा सरकारी विभाग में 100% वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया गया है। यह जानकारी दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी।
गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक पूरी तरह बन्द रहेंगे। दिल्ली में जरूरी सेवाओं के अलावा अन्य ट्रकों की एंट्री बैन कर दी गई है। दिल्ली में 1000 CNG प्राइवेट बसों को कल से हायर किया जाएगा। DDMA को मेट्रो और बस में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति मांगी है। दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल, 15 साल पुरानी गाड़ियों की लिस्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी गई। वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट की सघन जांच होगी।
राय ने बताया कि दिल्ली में सिर्फ गैस से चलने वाले उद्योगों को अनुमति होगी। बिना गैस से चलने वाले सभी उद्योग पर बैन रहेगा। दिल्ली में 372 वॉटर टैंकर से छिड़काव हो रहा है, फायर ब्रिगेड की मदद से 13 हॉट स्पॉट पर पानी का छिड़काव किया जाएगा। ट्रैफिक कंजेन्शन की जांच के लिए ट्रैफिक पुलिस को आदेश दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदूषण की तमाम वजहें तो हैं ही लेकिन टीवी पर चल रही बहसें सबसे ज्यादा प्रदूषण पैदा कर रही है। वे चीजों को समझते ही नहीं हैं और बयानों को संदर्भ से एकदम बाहर कर रिपोर्ट किया जाता है। हर किसी का अपना एजेंडा है और उसी को बढ़ाने में लगा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि कितने फीसदी प्रदूषण किससे है, ये आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं। इस सबसे मुद्दे को घुमाने की कोशिश ना की जाए। हमें प्रदूषण कम करने की चिंता है।

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