बंगाल निकाय चुनावों में पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली,25 फरवरी सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें राज्य की 108 नगरपालिकाओं में चुनाव के लिए अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती का निर्देश देने की मांग की गई थी। इन नगरपालिकाओं के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने भाजपा नेताओं मौसमी रॉय और प्रताप बनर्जी की ओर से पेश सीनियर वकील पी एस पटवालिया से कहा, “सॉरी, हम इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।”

पिछले चरणों में हिंसा और अनियमितताओं के मामले सामने आए थे

पटवालिया ने कहा कि नगरपालिका चुनावों के पिछले चरणों के दौरान व्यापक स्तर पर हिंसा और अनियमितताओं की सूचना मिली थी। ऐसे में केंद्रीय बलों की तैनाती से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयुक्त को जमीनी स्थिति की जांच करने और केंद्रीय बलों की तैनाती पर फैसला लेने को कह कर गलती की है।

नगरपालिका चुनावों को लेकर गहमागहमी भरा माहौल

बंगाल में नगरपालिका चुनावों को लेकर गहमागहमी भरा माहौल है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को चुनाव के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को आत्मरक्षा के उपाय के रूप में बांस का उपयोग करने की सलाह दी। उनकी इस टिप्पणी के बाद विवाद खड़ा हो गया। पश्चिम मिदनापुर में एक प्रचार अभियान के दौरान घोष ने दावा किया कि टीएमसी पार्टी के पोस्टर और बैनर फाड़कर भाजपा को डराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले पार्टी कार्यकर्ताओं पर बम से हमला करने का भी आरोप लगाया।

बंगाल की 108 नगर पालिकाओं में 27 फरवरी को चुनाव

पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग 108 नगर पालिकाओं में 27 फरवरी को चुनाव कराने की घोषणा कर चुका है। चुनाव प्रक्रिया 8 मार्च तक पूरी हो जाएगी। गौरतलब है कि 112 अन्य नागरिक निकायों के साथ कोलकाता नगर निगम के चुनाव अप्रैल-मई 2020 में होने थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

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