समग्र समाचार सेवा
महाराष्ट्र, 11जून। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीकी कार्यकारी अध्यक्ष बनाई गईं सांसद सुप्रिया सुले आज रविवार को जब वह महाराष्ट्र के शहर पुणे पहुंची, तो एक बयान में उन्होंने साफ कह दिया कि मैं परिवाद से दूर नहीं जा सकती। किस पार्टी में भाई-भतीजावाद नहींहै? भाई-भतीजावाद की बात करते समय हम परफॉर्मेंस की बात क्यों नहीं कर सकते?
एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पहली बार पुणे पहुंची सुप्रिया सुले ने कहा, मुझ पर विश्वास दिखाने के लिए मैं एनसीपी के सभी कैडर, नेताओं और पवार की आभारी हूं. मेरी प्राथमिकता पार्टी को मजबूत करना है.सुले को शनिवार को उनके पिता शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उन्होंने 2006 में राज्यसभा सदस्य के रूप में पहली बार संसद में प्रवेश किया था और उसके बाद 2009 में बारामती से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुईं. उन्होंने 2014 और 2019 में परिवार का गढ़ रही इसी सीट का प्रतिनिधित्व किया. इस सीट का प्रतिनिधित्व पहले शरद पवार और चचेरे भाई अजित पवार ने किया था.
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद श्रीनगर पहुंचे और उन्होंने एनसीपी पर हमला करते हुए कहा, जिस तरह उद्धव ठाकरे जी खुद मुख्यमंत्री बने और बेटे को मंत्री बनाया वैसी हालत आज एनसीपी में है. पवार साहब अध्यक्ष रहे और कार्यध्यक्ष घर (सुप्रिया सुले) में बनाया.
संसदीय कार्यकाल के लिए सुप्रिया सुले के कई बार सम्मानित किया गया है. लोकसभा में पार्टी की नेता सुले, शरद पवार और प्रतिभा पवार की इकलौती संतान हैं. उनकी शादी सदानंद सुले से हुई है और दंपती की एक बेटी रेवती और एक बेटा विजय है. वह यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान की कार्यकारी अध्यक्ष तथा पवार पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट और नेहरू सेंटर की ट्रस्टी भी हैं.
माना जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष बनाई गईं सांसद सुप्रिया सुले को अपनी पार्टी को एकजुट रखने के साथ-साथ अगले साल के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना का मुकाबला करने के लिए महा विकास अघाड़ी गठबंधन को सशक्त बनाने की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
सुले को महागठबंधन एमवीए सहयोगियों कांग्रेस और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर होने वाली बातचीत के दौरान चुनौती का सामना करना पड़ेगा. उनके चचेरे भाई एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रह चुके अजित पवार राज्य की राजनीति में एक प्रमुख स्थान रखते हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को स्पष्ट कर दिया है.
इसलिए तीनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला एक चुनौती होगी. कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका के अलावा सुले राकांपा के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की अध्यक्ष और महाराष्ट्र, हरियाणा पंजाब के साथ-साथ पार्टी की महिला, युवा और छात्र इकाई की प्रभारी भी होंगी. केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण विभिन्न चुनावों के लिए उम्मीदवारों पर निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
सियासी हलकों में माना जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने से उनके भतीजे अजित पवार नाराज हैं. लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कल शनिवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने से उनके भतीजे अजित पवार नाराज हैं. पवार ने दिल्ली में कल कहा था, सुझाव उन्होंने (अजीत पवार ने) ही दिया था. इसलिए, उनके खुश या नाखुश होने का सवाल ही कहां है.
पवार ने कहा, “अब कोई रिक्ति नहीं है. जब कोई रिक्ति होगी तो हम इस बारे में बात कर सकते हैं. पवार ने यह भी कहा कि पटेल और सुले की पदोन्नति पूरी पार्टी द्वारा लिया गया एक “जागरूक” निर्णय था.
राकांपा प्रमुख की घोषणा के तुरंत बीजेपी ने निशाना साधा था. भाजपा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, क्या शरद पवार अपने भतीजे से उतना ही प्यार करते हैं, जितना ममता बनर्जी अपने भतीजे से प्यार करती हैं.” भाई-भतीजावाद के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राकांपा सुप्रीमो ने पलटवार करते हुए कहा, “यह पूरी पार्टी का एक सचेत फैसला है, न कि अकेले मेरा. अगर मुझे फैसला करना होता, तो मैं इतने साल इंतजार क्यों करता.”
पवार ने कहा कि अजित पवार के फैसले से नाखुश होने की खबरों में “एक प्रतिशत भी सच्चाई नहीं है”. पवार ने कहा, “जयंत पाटिल पहले से ही राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हैं, अजित पवार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले के पास पार्टी में ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं थी और वे पार्टी को समय देने के लिए तैयार थे.” उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस आशय के सुझाव दिए थे और पिछले एक महीने से पार्टी के भीतर इस प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी और उन्होंने शनिवार को इसकी घोषणा की.
पवार ने कहा कि लोकसभा सदस्य होने के नाते सुले को दिल्ली में काम करना पड़ता है और उन्हें महाराष्ट्र के अलावा हरियाणा और पंजाब से सटे राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है.
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