‘फर्जी’ वोटर आईडी सरेंडर करें: चुनाव आयोग ने तेजस्वी को निर्देश दिया

चुनाव आयोग ने राजद नेता को 16 अगस्त तक अपना वह ईपीआईसी कार्ड जमा करने का समय दिया है, जिसे उसने "संभावित फर्जी" बताया है, और चेतावनी दी है कि सरकारी दस्तावेज में जालसाजी करना अपराध है।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 8 अगस्त: चुनाव आयोग ने राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को 16 अगस्त तक अपना “संभावित फर्जी” निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (EPIC) जमा करने की समय सीमा दी है। यह कार्रवाई दिघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा भेजे गए एक नए पत्र के बाद हुई है।

ईआरओ के पत्र में साफ तौर पर चेतावनी दी गई है कि सरकारी दस्तावेज को जालसाजी से बनाना और उसका उपयोग करना कानून की नजर में अपराध है। यह पत्र पिछले सप्ताह भेजे गए उस संचार का अनुसरण है, जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री को जांच के लिए मतदाता पहचान पत्र जमा करने का आग्रह किया गया था।

विवाद की शुरुआत 2 अगस्त को हुई, जब तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके द्वारा बताए गए ईपीआईसी नंबर से मसौदा मतदाता सूची में कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। जब पटना जिला प्रशासन ने उनके दावे को खारिज किया, तो यादव ने आरोप लगाया कि उनका ईपीआईसी नंबर बदल दिया गया है। बाद में उन्होंने एक अन्य, आधिकारिक रूप से मान्य ईपीआईसी नंबर होने की बात स्वीकार की, लेकिन इसका दोष अधिकारियों पर डालने की कोशिश की कि उन्होंने दो कार्ड जारी किए।

ताज़ा पत्र के अनुसार, पिछले कई वर्षों की मतदाता सूचियों की जांच के बाद ईआरओ का निष्कर्ष है कि चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव द्वारा बताए गए विशेष ईपीआईसी नंबर वाला मतदाता पहचान पत्र कभी जारी नहीं किया। पत्र में लिखा है—”ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त ईपीआईसी कार्ड फर्जी है। आपको एक बार फिर अनुरोध किया जाता है कि आप अपना संभावित फर्जी ईपीआईसी कार्ड 16/08/2025 को शाम 5 बजे तक जमा करें।”

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