सनातन धर्म के संरक्षण हेतु परिचर्चा में शामिल होंगे स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज

महाकुंभनगर, प्रयागराज।,25 जनवरी। सनातन धर्म के संरक्षण एवं विस्तार को समर्पित महर्षि संस्थान द्वारा महर्षि आश्रम, संगमतट, अरैल प्रयागराज में एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। इस परिचर्चा का विषय “सनातन धर्म के संरक्षण के लिए धर्मपीठों में परस्पर सामंजस्य की त्वरित आवश्यकता” रखा गया है।

ब्रह्मचारी गिरीश जी ने इस महत्वपूर्ण परिचर्चा में सम्मिलित होने के लिए जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज से भेंट कर उन्हें ससम्मान आमंत्रित किया। इस अवसर पर उनके साथ आचार्य बसंत दास, श्री वेद प्रकाश शर्मा, और श्री रामदेव भी उपस्थित रहे।

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने आमंत्रण पत्र का अवलोकन करने के पश्चात इस परिचर्चा में अपनी उपस्थिति का आश्वासन दिया। इस भेंटवार्ता के दौरान ब्रह्मचारी गिरीश जी ने स्वामी जी का पारंपरिक रूप से सम्मान करते हुए शाल, रुद्राक्ष माला, पुष्पमाला, मिष्ठान, तथा फल बास्केट अर्पित किए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने महर्षि संस्थान की वार्षिक पत्रिका “ज्ञान 2025” भी स्वामी जी को भेंट की।

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने इस सौहार्द्रपूर्ण भेंट के दौरान ब्रह्मचारी गिरीश जी को सिल्क दुपट्टा पहनाकर आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि धर्मपीठों के मध्य समन्वय स्थापित करना सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक है। इस प्रकार की परिचर्चाएँ संतों एवं धर्मगुरुओं के बीच विचार-विमर्श का सशक्त मंच प्रदान करती हैं, जिससे धर्मसंस्कृति का संवर्धन किया जा सके।

इस आयोजन के माध्यम से विभिन्न धर्मपीठों के संत-महात्मा एकजुट होकर सनातन धर्म के संरक्षण एवं समाज में आध्यात्मिक चेतना जागृत करने के महत्वपूर्ण विषयों पर विमर्श करेंगे। महर्षि संस्थान द्वारा आयोजित इस परिचर्चा में संत समुदाय के अनेक प्रतिष्ठित विद्वान, महापुरुष, एवं धर्मगुरु शामिल होंगे।

धर्म और आध्यात्मिकता के संवर्धन हेतु यह परिचर्चा अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

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