हे स्त्री, तू कभी तो जवाब दे….
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस् पर विशेष -
*हर्षिता राय
वो, जो सुबह से शाम तक,
निरंतर लगी रहती है,
घर के कामों में,
वो जो सबकी फिक्र में ,
इतनी डूबी कि,
खुद का होश नहीं रहा,
वो जिसने भुला दिए,
अपने सारे ख़्वाब,…