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कई दल

भाजपा में मिल सकते हैं कई दल

त्रिदीब रमण  ‘सवालों के झुरमुठ हैं, अनिश्चय की धुंध है जहां सत्य नहीं उगते, ये उन आत्माओं की ठूंठ है जब से तेरी अंतरात्मा उनकी हुई है गला अवरुद्ध है भले राह कितनी भी मुश्किल है, चलना जरूर है’ इस बदलते मौसम में जैसे पीली धूप ने भी…