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कहानी

एनीमेशन फिल्म निर्माण में सबसे महान सदाबहार प्रवृत्ति भावनात्मक रूप से कहानी सुनाना होता है:…

यूं तो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म एनीमेशन फिल्मों के लिए वरदान होते हैं, लेकिन एनीमेशन फिल्म निर्माण में सबसे महान सदाबहार प्रवृत्ति भावनात्मक रूप से कहानी को सुनाना होती है, यह बात कुंग फू पांडा और द लिटिल प्रिंस जैसी फिल्मों के प्रसिद्ध…

 स्व. दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करने जशपुर पहुंचे मोहन भागवत, यहां जानें हमेशा फौजी…

संघ प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे है। आज जशपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में मोहन भागवत शामिल होंगे। इसके लिए वे जशपुर पहुंच चुके है। विजय विहार पैलेस के पास आरएसएस सर संघ चालक मोहन भागवत का स्वर्गीय दिलीप सिंह…

बन्दा वीर बैरागी- हिरणी से लेकर वीरगति तक की कहानी

बन्दा बैरागी का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 को ग्राम तच्छल किला, पुंछ में श्री रामदेव के घर में हुआ। उनका बचपन का नाम लक्ष्मणदास था। युवावस्था में शिकार खेलते समय उन्होंने एक गर्भवती हिरणी पर तीर चला दिया। इससे उसके पेट से एक शिशु निकला और तड़पकर…

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय विकास की कहानी बड़े पैमाने पर सरकार द्वारा आधार, डीबीटी,…

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन तथा परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि…

महाभारत की कहानी: महाभारत काल से चली आ रही है श्राद्ध की परंपरा, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी

महाभारत के अनुसार, सबसे पहले महातप्सवी अत्रि ने महर्षि निमि को श्राद्ध के बारे में उपदेश दिया था. इसके बाद महर्षि निमि ने श्राद्ध करना शुरू कर दिया. महर्षि को देखकर अन्य श्रृषि मुनियों ने पितरों को अन्न देने लगे। लगातार श्राद्ध का भोजन…

रेवती नक्षत्र – पतन एवं पुनर्प्रतिष्ठा : कहानी मात्र कहानी नहीं !

प्रत्येक कहानियाँ मात्र कहानियाँ नहीं होतीं! कुछ कहानियाँ, कहानियों के अतिरिक्त भी, कुछ और भी होती हैं और रेवती नक्षत्र की कथा आर्ष भारतीय ज्योतिष की एक महान तथा विशिष्ट घटना को अभिव्यक्त करने वाला रूपक है।

वीर सावरकर..कहानी ऐसे स्वतंत्रता सेनानी की…जिनके प्रशंसक और निंदक दोनों समान रूप से है

स्निग्धा श्रीवास्तव वीर सावरकर यानि विनायक दामोदर सावरकर हिंदुत्वके प्रेमी तो थे ही साथ ही वे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता भी थे। वे ऐसे व्यक्ति थे जिनके प्रशंसक और निंदक समान रूप से हैं। उनके समर्थक उन्हें हिंदू राष्ट्रवाद का शलाका…