किसान,साहित्य और सामाजिक आन्दोलन …
*डॉ दर्शनी प्रिय
साहित्य सृजन की यात्रा में किसान सतत जीवंत भूमिका में रहा है। समकालीन साहित्य का पूर्वाध और उत्तरार्ध कृषकों की सशक्त उपस्थिति का साक्षी रहा है। सृजन के प्रत्येक काल ने कृषक समाज की तात्कालिक मनोदशा को पूर्ण…