वोट न डालने का दुष्परिणाम- इतिहास की सच्ची घटना
सन् १९४६-४७ में भारत के विभाजन के समय आसाम के सिलहट जिले को गोपीनाथ बोरदोलोई ने भारत में मिलाने की बात रखी। जनमत संग्रह किया जाना तय किया गया।
वोटिंग के दिन सारे मुसलमान सवेरे ही लाइनों में लग गये हिन्दू लाखों थे पर वे दोपहर तक सोने और…