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पार्थसारथि थपलियाल

प्रसंग : मानवीय संवेदना ही हिंदू

पार्थसारथि थपलियाल संयोजक- भारतीय संस्कृति सम्मान अभियान गंभीर पीड़ाएं होती हैं जब कोई अपने पिता, अपनी माता का समान नही करता। जब कोई बिना ज्ञान के उपनिषदों के मर्म को इस तरह व्यक्त करता है जैसे कि उसने समस्त वेद और उपनिषद पढ़ लिए हैं। यह…

राष्ट्रप्रथम-स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर

पार्थसारथि थपलियाल भारत को 1857 की क्रांति के बाद, (ईस्ट इंडिया कंपनी से) भारत का शासन ब्रिटेन सरकार ने अपने हाथों में पूर्णतः ले लिया था। इस सरकार ने जो दमनकारी नीतियां लागू की उससे भारतीय समाज की स्थिति बहुत खराब हुई और लोगों में…