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पार्थसारथि थपलियाल

संस्कृति- चातुर्मास: पार्थसारथि थपलियाल

भारत देवभूमि है। इस देवभूमि में सनातन संस्कृति के अनुसार जीवन जीने की परंपरा रही है। गाँव मे जनसामान्य भी जानता है कि चौमासे में हमारी जीवनशैली क्या होनी चाहिए। खान पान में कई भोज्य निषेध हैं कई ग्राह्य हैं।

व्यंग-विनोद: द्वारपाल का सपना

यमराज- द्वारपाल! कुबेर को शक हो गया है कि उनके राजस्व में कमी आ गई है। अश्वनी कुमारों ने कुबेर को जो खुफिया रिपोर्ट भेजी है उसमें शक की सुई हमारे डिपार्टमेंट की ओर है। कारण बताओ! नही तो तुम्हे अभी…

राष्ट्रप्रथम– सौ वर्षों की कामना: भारत 2047

वेदों में कई तरह की कामनाएं पढ़ने को मिलती हैं। अथर्ववेद में इसी तरह की कुछ कामनाएं हैं। जीवेम शरदः शतम- हे सूर्य हम सौ वर्ष तक जीवित रहें। पश्येम शरदः शतम- हे सूर्य हम सौ वर्षों…

तस्मै श्रीगुरवे नमः

आज गुरुपूर्णिमा है। सनातन संस्कृति के आदि ग्रंथों के सृजक महर्षि वेदव्यास जी का जन्मदिन है। वेदों और उपनिषदों के संकलनकर्ता, पुराणों और महाभारत के रचयिता जिन्होंने मानवता को सुसंस्कृत होने का ज्ञान दिया ऐसे गुरु को नमन है।…