Browsing Tag

बलबीर पुंज

‘अमीर और अमीर… गरीब और गरीब’ जुमले का सच

-बलबीर पुंज वर्ष 1950 से 1980 दशक में हिंदी फिल्मों, राजनीतिक विमर्श और आम बोलचाल की भाषा में एक जुमला— ‘देश में अमीर और अमीर, गरीब और गरीब होता जा रहा है’ बहुत प्रचलित था। परंतु यह अब गलत बयानबाजी और अर्ध-सत्य पर्याय बन चुका है, जिसका…

तनाव और सद्भाव की पहेली

बलबीर पुंज- हाल ही में एक अदालत द्वारा ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिलने से हिंदू-मुस्लिम संबंधों में तनाव है। 31 जनवरी को वाराणसी जिला न्यायालय के निर्णय के बाद हिंदुओं को 30 वर्ष पश्चात पुन:…

यह ‘नफरत की दुकान’ क्यों?

-बलबीर पुंज मंगलवार (5 दिसंबर) को आई.एन.डी.आई. गठबंधन के महत्वपूर्ण अंग द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) सांसद डीएनवी सेंथिल कुमार ने लोकसभा में हिंदी भाषी राज्यों को ‘गौमूत्र प्रदेश’ कहकर संबोधित किया। इसी वर्ष सितंबर में इसी द्रमुक के अन्य…

14 न्यूज एंकरों का ‘अपराध’ क्या?

14 न्यूज एंकरों का 'अपराध' क्या? -बलबीर पुंज बीते सप्ताह विपक्षी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए.) ने विभिन्न न्यूज चैनलों के 14 टीवी एंकरों का बहिष्कार कर दिया। इस गठजोड़ की मीडिया समिति ने टीवी पत्रकारों के नामों की एक सूची जारी करते हुए…

यूरोप में ईसाई क्यों घट रहे है?

इंग्लैंड-वेल्स इन दिनों भीषण विरोधाभास से जूझ रहा है। शताब्दियों से इस यूरोपीय देश की शासकीय व्यवस्था के केंद्र में ईसाई मत है, परंतु उनकी नवीनतम जनगणना में ईसाई अनुयायी ही अल्पमत में आ गए है।

भारत की पहचान किनसे है?

ऐसा कौन सा व्यक्तित्व है, जो भारत की पहचान को परिभाषित कर सकता है?— वह, जिसने इस देश की मूल बहुलतावादी संस्कृति को ध्वस्त किया हो या फिर वे, जिन्होंने उसकी रक्षा में अपने प्राण आहुत कर दिए। यह चर्चा 'पूर्वोत्तर के शिवाजी' नाम से प्रसिद्ध,…

पंजाब में बंदूकवाद का यह कैसा उपचार?

कितनी बड़ी विडंबना है कि जब 13 नवंबर को पंजाब में 'आप' सरकार ने शस्त्रों/हिंसा के सार्वजनिक प्रदर्शन/महिमामंडन पर प्रतिबंध लगाया, तब उसी कालखंड में दो ऐसी घटनाएं सामने आई— जिसने इस आदेश की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। 12 नवंबर को…