क्या माया के भाग्य से छींका टूटेगा?
त्रिदीब रमण
’चीख कर तब मेरा भी नाम लिया था दिल से निकली तेरी हर आह ने
तख्तो-ताज़ की चाह में मैं भी शामिल था तेरे हर गुनाह में’
सियासत भी क्या खूब नए चेहरे ओढ़ती है, कभी इन्हीं बसपा सुप्रीमो मायावती के एक वोट से केंद्र की अटल…