*हिन्दी दिवस का सार (दोहावली) **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हिन्दी दिवस के नाम पर,न हो हिन्दी में काम।
अंग्रेजी है काम पर, हिन्दी को है विश्राम।।
हिन्दी मातृ भाषा कहे , कैसा मेरा दाम।
अंग्रेजी मे काम हो, हिन्दी का मात्र नाम।।
पिता जी डैड को कहें ,माता जी हैं मोम।
वाइफ…