मैं नालंदा हूँ !
*पूनम शर्मा
मैं नालंदा हूँ ,
शेष नहीं,
अवशेष रह गया!
काल गति का,
मैं पात्र विशेष
महिमा मग्न था,
अनभिज्ञ रह गया ।
ज्ञान कलरव,
मेरा शक्तिपुंज बना,
जब,
सृजन,उदय,उत्कर्ष हुआ
विश्व के मानस पटल पर,
अब,
मैं मात्र स्मृति बन,…