सनातन धर्म में सोमरस का आशय मदिरा सेवन नही है, ना ही सोमरस नशीला पदार्थ है.
प्रताप सिंह। "देवता शराब नही पीते थे"।
सोमरस सोम के पौधे से प्राप्त था , आज सोम का पौधा लगभग विलुप्त है।
शराब पीने को सुरापान कहा जाता था , सुरापान असुर करते थे , ऋग्वेद में सुरापान को घृणा के तौर पर देखा गया है।