आओ कहानी सुने , घर बना खण्डहर
एक सेठ जी थे, जो दिन-रात अपना काम-धँधा बढ़ाने में लगे रहते थे। अपने शरीर का कोई ध्यान ही नहीं था, रोज की आपाधापी में कई बिमारियों से घीर गये थे, लेकिन उन्हें तो बस, शहर का सबसे अमीर आदमी बनना था। धीरे-धीरे पर आखिर वे नगर के सबसे धनी सेठ बन…