कर्नाटक फतह से कांग्रेस को और क्या हासिल हुआ
’नाहक गुमान था इस कागज़ की कश्ती को अपने आप पर
इक-इक आंसू से भी समंदर में सैलाब आ जाता है’
जीतना जिनकी आदतों में शुमार था, जिनके भाल विजयी तिलक के अभ्यस्त थे, जिनकी हुंकार और गर्जना न्यूज़ चैनलों के ‘सिग्नेचर ट्यून’ थे, दुनिया की उसी…