हे गाँधी,हे सरदार,हे राजेन्द्रबाबु,हे बाबासाहेब, अपने आज़ाद देश भारत में ये क्या हो रहा है? हे राम !
हे ईश्वर ,अपने देश भारत को क्या हो गया है? अपने स्वार्थ के लिए देश के बलिदानियों का सहारा लिया जा रहा है.ऐसा क्यों? कहाँ बलिदानी भगत सिंह ,कहाँ भ्रष्टाचार के आरोपी दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया? कोई तुलना है क्या ? कोई तुलना हो सकती…