बिखरते रिश्ते का सच …
बिखरते रिश्ते का सच …
प्रस्तुति -:कुमार राकेश
मोहन बेटा ! मैं तुम्हारे काका के घर जा रहा हूँ . क्यों पिताजी ? और तुम आजकल काका के घर बहुत जा रहे हो ...? तुम्हारा मन मान रहा हो तो चले जाओ ... पिताजी ! लो ये पैसे रख लो ,…