समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21जुलाई। किसान यूनियन ने मंगलवार को कहा कि संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर एक ‘किसान संसद’ का आयोजन करेंगे और 22 जुलाई से प्रतिदिन सिंघू बॉर्डर से 200 प्रदर्शनकारी वहां पहुंचेंगे।
जिसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के नेताओं के बीच समझौता हो गया है। किसान नेता संसद के सामने न बैठने के लिए मान गए हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें धरने पर बैठने के लिए नई जगह मुहैया करा दी है।
किसानों ने अपने इस धरने को संसद मार्च का नाम दे रखा था। दिल्ली पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है कि कल से रोज 200 किसानों के जत्थे को संसद मार्ग स्थित जंतर-मंतर पर बैठने की मंजूरी दे दी गई है। किसान नेता वहां धरना देने के लिए तैयार हो गए हैं।
पुलिस रोज 200 किसानों को बॉर्डर के धरनास्थलों से जंतर-मंतर तक लाएगी और शाम को वापस अपनी सुरक्षा में वहां छोड़कर आएगी। किसानों का ये धरना संसद के मॉनसून सत्र तक चलता रहेगा। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को किसान नेताओं को मनाने में दिल्ली पुलिस नाकाम रही थी। किसान नेता बड़ी तादाद में रोज किसानों को लेकर संसद के सामने बैठने पर अड़े हुए थे।
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि किसानों को तमाम रोड मैप दिए गए हैं और जब वे मानेंगे तभी परमिशन दी जाएगी। उसने कहा कि अभी किसानों को रोड मैप दिया गया है और प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई है। दिल्ली पुलिस का कहना तमाम रोड मैप दिए हैं, और जब वे मानेंगे तभी परमिशन दी जाएगी। पुलिस की शर्तों के मुताबिक, करीब 200 के आसपास किसान गुरुवार को बसों के जरिये जंतर मंतर जाएंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। किसानों की बस पुलिस की निगरानी में सुबह 11:30 पर जंतर मंतर पहुंचेगी और वहां चर्च साइड पर उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से बैठाया जाएगा।
पुलिस की शर्तों के मुताबिक, जंतर मंतर और किसानों की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की 5 कंपनियां भी वहां तैनात होंगी। सभी के पहचान पत्र चेक करने के बाद ही बैरिकेड के अंदर जाने दिया जाएगा। शाम 5 बजे किसान अपना प्रदर्शन खत्म कर वापस सिंघु बॉर्डर लौट जाएंगे। हालांकि दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक तौर पर प्रदर्शन के लिए परमिशन को लेकर अब तक कुछ नहीं कहा है।
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