तमिलनाडु पुलिस कस्टडी मौत कांड पर थलपति विजय का पहला धरना

समग्र समाचार सेवा
चेन्नई, 13 जुलाई: तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में पुलिस हिरासत में गार्ड अजीत कुमार की संदिग्ध मौत ने प्रदेश की राजनीति में नया उबाल ला दिया है। अजीत मदापुरम मंदिर में बतौर गार्ड तैनात था, जिसे पिछले महीने पुलिस ने चोरी के शक में गिरफ्तार किया था। हिरासत के दौरान बर्बरता इतनी बढ़ गई कि अजीत ने सलाखों के पीछे दम तोड़ दिया।

स्थानीय कोर्ट ने अजीत की गिरफ्तारी को अवैध ठहराया, वहीं मद्रास हाईकोर्ट ने भी इस मामले को गंभीर मानते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को 20 अगस्त तक अंतिम रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

थलपति विजय का सियासी दांव
तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) अध्यक्ष और सुपरस्टार थलपति विजय ने अजीत कुमार की मौत के खिलाफ सार्वजनिक प्रदर्शन करने की घोषणा की है। यह विजय का अपनी नई पार्टी के बैनर तले पहला धरना होगा।

हाल ही में विजय ने अजीत के परिवार से मुलाकात कर उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया। अब माना जा रहा है कि अजीत का परिवार भी इस धरने में शामिल होगा। विजय ने हाईकोर्ट से इस मामले में SIT गठित करने की भी मांग रखी है।

सरकार और पुलिस पर बढ़ा दबाव
मामला तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी अजीत के परिवार से माफी मांगी और केस सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने निकिता नामक महिला को गिरफ्तार किया है, जिसने अजीत के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई थी।

शिवगंगा पुलिस थाने के पांच पुलिसकर्मी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। डीएसपी सस्पेंड कर दिया गया है और एसपी को अनिवार्य प्रतीक्षा में भेजा गया है।

2026 चुनावों से पहले विजय की सियासी चाल
तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं और थलपति विजय ने खुद को TVK का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया है। ऐसे में यह धरना न सिर्फ अजीत को न्याय दिलाने का मंच बनेगा बल्कि विजय की राजनीतिक जमीन को भी मजबूत करेगा।

विजय ने बीजेपी और अन्य दलों के साथ गठबंधन के सभी कयासों को नकारते हुए साफ कर दिया है कि वे अकेले ही जनता का समर्थन चाहते हैं। इस मुद्दे ने विजय को विपक्षी राजनीति में नई पहचान देने का काम किया है।

 

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