कर चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी देश की वित्तीय स्थिरता और आर्थिक विकास को खतरे में डालती है – उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चार्टर्ड अकाउंटेंट को एमआरआई और सीटी स्कैन के आर्थिक स्वरूप में किया वर्णित

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 नवंबर।उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को एमआरआई और सीटी स्कैन के आर्थिक स्वरूप में वर्णित किया। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने रेखांकित किया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की अनूठी भूमिका में किसी भी तरह की कमी से देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

गुजरात के गांधीनगर में ‘वैश्विक व्यावसायिक लेखाकार सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि कर चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिरता एवं आर्थिक विकास को खतरे में डालती है। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से कहा, “प्रहरी के रूप में आपकी क्षमता इन्हें नियंत्रित करने में काफी सक्षम है।”

उन्होंने कहा कि एक कर प्रणाली को कर पेशेवर अच्छी या जटिल बनाते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सुगमता और पारदर्शिता बढ़ाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को बेंचमार्क करने में वैश्विक नेतृत्व बनने की प्रतिज्ञा लें।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा, “कर नियोजन पर सलाह देना आपका क्षेत्र है। लेकिन इस क्षेत्र में एक बहुत बारीक रेखा है। इसका विस्तार कर धोखाधड़ी और कर चोरी तक नहीं होना चाहिए।” उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को कर नियोजन और कर चोरी के बीच इस पतली रेखा का संरक्षक बताते हुए उनसे कहा, “हमेशा कर नियोजन के पक्ष में सुझाव दें और कर चोरी की निंदा करें।”

उपराष्ट्रपति महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि वित्तीय अखंडता के संरक्षक के रूप में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को पारदर्शी और उत्तरदाई वित्तीय प्रणालियों को सुरक्षित करने के लिए कार्रवाई करके उदाहरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट दृढ़ संकल्पित है तो कोई कानूनी उल्लंघन या विंडो ड्रेसिंग नहीं हो सकती है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, “आप अकेले ही ऐसा कर सकते हैं। ऐसा कोई और नहीं कर सकता। यह आपका विशिष्ट क्षेत्र है। जब कोई चार्टर्ड अकाउंटेंट खड़ा होता है, तो प्रतिरोध क्षणिक हो सकता है, अंततः उसे ही जीत मिलती है।”

उपराष्ट्रपति ने देश की आर्थिक वृद्धि को ‘तंत्रिका केंद्र और उपकेंद्र’ के रूप में चलाने में चार्टर्ड अकाउंटेंट की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया, जो वर्ष 2047 में भारत को आकार देगा। उन्होंने भ्रष्टाचार से निपटने, गड़बड़ियों को उजागर करने और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी का पता लगाने में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनका दृढ़ संकल्प कानूनी उल्लंघनों और विंडो ड्रेसिंग प्रथाओं को समाप्त कर सकता है।

उन्होंने यह चेतावनी दी कि ‘नैतिकता से समझौता करना आर्थिक दुनिया में भूकंप से कम नहीं है’। उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि नैतिकता वित्तीय रिपोर्टिंग, ऑडिटिंग, कराधान और परामर्श सेवाओं में विश्वास और अखंडता को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सरकार के लिए केवल राजस्व सृजन से परे एक निष्पक्ष कराधान और वित्तीय रिपोर्टिंग प्रणाली के महत्व पर बल देते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने प्रशंसा की कि “भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंट के पास अपने ग्राहकों को कानून के शासन का पालन करने के लिए उच्चतम ‘नैतिकता गुणांक’ है”। उन्होंने एक ऐसे समसामयिक शासन व्यवस्था के लिए भी आग्रह किया जो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को जनता की भलाई और राष्ट्र के विकास को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा प्रदान करने में मदद कर सकता है।

उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सम्मेलन का विषय, “विश्व को जोड़ना, मूल्य बनाना” हमारी अर्थव्यवस्था की वर्तमान गतिशीलता से मेल खाता है। उन्होंने जी-20 के आदर्श वाक्य, “वसुधैवकुटुंबकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के साथ इसके सम्मिलन पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के इकोसिस्टम में, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व नए मानदंड हैं। सत्ता गलियारे, जो कभी व्यावसायिक निर्णयों को प्रभावित करने वाली भ्रष्ट प्रथाओं से त्रस्त थे, अब सफाई प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता के रुख के साथ, चार्टर्ड एकाउंटेंट की भूमिका बढ़ती है। यह कहावत कहते हुए कि, “चाहे आप कितने भी ऊंचे क्यों न हों, कानून हमेशा आपसे ऊपर होता है,” अब एक जमीनी वास्तविकता है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि “जो लोग सोचते हैं कि वे कानून से ऊपर हैं, वे विशेष श्रेणी के हैं, उन्होंने सबक सीख लिया है और उनके लिए अब बहुत कठिनाई है”।

गांधी जी के शब्दों, “दुनिया के पास हर किसी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के लालच के लिए नहीं,” के बारे में विचार करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे कुछ लोग लालच से, वास्तव में सोए हुए नहीं बल्कि ‘झूठी नींद’ के कारण प्रेरित होते हैं। उन्होंने वर्तमान समय में चार्टर्ड एकाउंटेंट की भूमिका को उपयुक्त ढंग से दर्शाते हुए भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान (आईसीएआई) के आदर्श वाक्य, “एक व्यक्ति जो सोते हुए लोगों में जाग रहा है” की ओर इशारा किया।

‘वस्तु और सेवकर (जीएसटी) का जिक्र करते हुए “आधुनिकता के साथ प्रयास” के रूप में, उपराष्ट्रपति ने टिप्पणी की कि यह आजादी के बाद से सबसे बड़ा कर सुधार है, जिसने देश की अप्रत्यक्ष कराधान व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया है। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर को उपयोगकर्ता के अनुकूल ‘अच्छा और सरल कर’ बनाने में उनकी भूमिका के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट समुदाय की भी प्रशंसा की।

उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और वेब 3.0 जैसी हालिया तकनीकी सफलताओं का उपयोग करने की दिशा में कार्रवाई का आग्रह करते हुए, उनकी क्षमता को उजागर करने की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए पर्याप्त बजटीय आवंटन किया गया है। इस डिजिटल युग में महत्व पर बल देते हुए, उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को डिजिटल इकोसिस्टम के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिससे उन्हें सबसे आगे रखा जा सके। उन्होंने कहा, ‘फिनटेक का उद्भव एक उदाहरण हो सकता है।’

उपराष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि भारत आर्थिक और लेखांकन प्रक्रियाओं के एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है जिसमें भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) राष्ट्र के आर्थिक और लेखांकन ढांचे के निर्माण, मानकीकरण और रखरखाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अंत में, उपराष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर लेखांकन और लेखा परीक्षा मानकों और नैतिक अखंडता को और अधिक समृद्ध और प्रोत्साहन देने के लिए वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ना जारी रखेगा।

इस कार्यक्रम में भारत सरकार के माननीय केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल, गुजरात सरकार के माननीय संसदीय कार्य, प्राथमिक, माध्यमिक और वयस्क शिक्षा, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री  प्रफुल्ल पंशेरिया, असमा रेसमौकी, अध्यक्ष, अकाउंटेंट्स का अंतर्राष्ट्रीय अकाउंटेंट्स संघ (आईएफएसी), सीए, भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान (आईसीएआई) के अध्यक्ष अनिकेत एस. तलाती और अन्य गणमान्य व्यक्ति सम्मिलित हुए।

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