समग्र समाचार सेवा
पटना, 26 सितंबर: 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक परिदृश्य में एक नई पार्टी ने दस्तक दी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ की घोषणा की। पार्टी का चुनाव चिन्ह ब्लैकबोर्ड रखा गया है। तेज प्रताप यादव ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर चुनाव चिन्ह और नई पार्टी का पोस्टर साझा किया।
हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित और तत्पर हैं। हमारा मकसद बिहार में संपूर्ण बदलाव कर एक नई व्यवस्था का नव निर्माण करना है।
हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।#tejpratapyadav #janshaktijantadal #biharelection pic.twitter.com/GxsQHw0WqQ
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) September 25, 2025
बिहार के विकास को समर्पित नई पार्टी
तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने अपने पोस्टर में लिखा कि उनका लक्ष्य राज्य में आमूलचूल परिवर्तन लाना और नई व्यवस्था स्थापित करना है। तेज प्रताप ने यह भी स्पष्ट किया कि जनशक्ति जनता दल बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आधारभूत ढांचे के सुधारों के लिए काम करेगी और आगामी चुनावों में विरोधियों को कड़ी टक्कर देगी।
पोस्टर में पांच महापुरुषों—महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर—की तस्वीरें शामिल हैं, जिनके विचारों और आदर्शों से पार्टी प्रेरित होगी।
राजद में सियासी हलचल
तेज प्रताप यादव की नई पार्टी की घोषणा के बाद राजद में हलचल मची है। तेज प्रताप सीधे तेजस्वी यादव के लिए चुनौती बन सकते हैं, जो मुख्यमंत्री पद के लिए अखिल भारतीय गठबंधन का चेहरा हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप की पार्टी राजद के वोट शेयर को प्रभावित कर सकती है और यादव परिवार के भीतर तनाव बढ़ा सकती है।
हालांकि, पार्टी को शुरुआती चुनौतियां भी हैं। टिकट न मिलने से नाराज़ राजद नेताओं और विधायकों में फूट तेज प्रताप को झटका दे सकती है। इसके अलावा, नए दल के लिए बिहार में जनसमर्थन जुटाना और विधानसभा चुनावों में अपनी पैठ बनाना बड़ी चुनौती होगी।
तेज प्रताप यादव की भूमिका और भविष्य
तेज प्रताप यादव की पार्टी की मौजूदगी यादव परिवार और राजद के बीच तनाव को बढ़ा सकती है। यदि जनशक्ति जनता दल चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती है, तो यह तेजस्वी यादव और राजद नेतृत्व के लिए चिंता का विषय बन सकती है। वहीं, अगर पार्टी अपेक्षित जनसमर्थन नहीं जुटा पाई, तो यह तेज प्रताप यादव की राजनीतिक महत्वाकांक्षा पर सवाल खड़े कर सकती है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार की राजनीति में जनशक्ति जनता दल का असर आगामी विधानसभा चुनावों में साफ दिखाई देगा। तेज प्रताप यादव के फैसले और पार्टी की रणनीति आगामी महीनों में राज्य की सियासी परिस्थितियों को बदल सकती है।
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