महाराष्ट्र में ठाकरे बंधुओं की सुलह? उद्धव-राज के गुप्त गठबंधन पर सियासी हलचल

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 29 जून: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव दिख रहा है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के रास्ते लंबे वक्त बाद फिर एक होते दिख रहे हैं। बीते महीने से ही दोनों गुटों के नेताओं के बीच गुप्त बैठकों का दौर तेज हो गया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में गठबंधन की चर्चाओं को हवा दे दी है।

गुप्त बैठकों का सिलसिला तेज
मनसे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच गठबंधन को लेकर पर्दे के पीछे कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, उद्धव गुट के वरुण सरदेसाई और मनसे के बाला नंदगांवकर के बीच दो से तीन अहम मुलाकातें हो चुकी हैं। वहीं संदीप देशपांडे और वरुण सरदेसाई के बीच भी चार बार विस्तार से चर्चाएं हो चुकी हैं। इन बैठकों से यह संकेत मिल रहा है कि दोनों भाइयों के बीच पुरानी कड़वाहट को भुलाने की कोशिश शुरू हो चुकी है।

फिर लौटे पुराने चेहरे
दिलचस्प बात यह है कि इस संभावित गठबंधन में वही पुराने चेहरे फिर से सक्रिय नजर आ रहे हैं, जिन्होंने 2017 में भी दोनों गुटों को एक मंच पर लाने की कोशिश की थी। बाला नांदगांवकर और संदीप देशपांडे की जोड़ी इस बार भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। माना जा रहा है कि इन नेताओं की कवायद ही दोनों गुटों को एक बार फिर साथ ला सकती है।

‘पिछले दरवाजे’ से सुलह की तैयारी
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत पूरी तरह पर्दे के पीछे से हो रही है। हालांकि, दोनों तरफ के नेता खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन भीतरखाने बातचीत का दौर लगातार जारी है। नेताओं के मिलेजुले संकेत बताते हैं कि ठाकरे बंधुओं के बीच सुलह अब सिर्फ औपचारिक ऐलान की दूरी पर है।

महाराष्ट्र की राजनीति में नई पटकथा?
अगर यह गठबंधन अंतिम रूप ले लेता है, तो महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा समीकरण बदल सकता है। बीते कुछ सालों में अलग राह पकड़ चुके ठाकरे बंधुओं के फिर से साथ आने से विपक्ष को नया सियासी बल मिल सकता है। साथ ही सत्तारूढ़ गठजोड़ के लिए भी यह चिंता का सबब बन सकता है कि ठाकरे भाइयों की जोड़ी आने वाले चुनाव में क्या असर डालती है।

 

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