समग्र समाचार सेवा
तिरुवनंतपुरम, 20 जुलाई: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने कांग्रेस नेतृत्व में कटु विवाद को रोशन किया है, जब पार्टी के सांसद शशि थरूर और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के बीच तीखी बयानबाजी सामने आई। थरूर ने हाल ही में स्पष्ट कहा कि वे न केवल अपनी राय पर कायम रहेंगे, बल्कि उन्हें उस पर गर्व है—चाहे उसके लिए कितना भी विरोध क्यों न झेलना पड़े।
छात्र से बातचीत में थरूर ने दिया स्पष्ट जवाब
कोच्चि में एक कार्यक्रम के दौरान थरूर से जब एक हाई स्कूल छात्र ने पूछा कि क्या वे पार्टी से असहज महसूस करते हैं, तो उन्होंने शांत लेकिन निर्णायक लहजे में जवाब दिया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उस बातचीत का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि “राजनीति से दूर रहकर भी, अगर एक छात्र को जवाब चाहिए, तो उसे मिलना चाहिए।” इस टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा दिया।
राजनीति से ऊपर: राष्ट्रीय सुरक्षा का संदेश
थरूर ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियों का मतभेद समझ आता है, लेकिन जब देश का सवाल हो, तो सभी दलों को मिलकर काम करना चाहिए। उनका स्पष्ट बयान था, “राष्ट्र के हित में सहयोग करना बेवफाई नहीं है, बल्कि वफादारी है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि प्राथमिक वफादारी राष्ट्र के प्रति है, न कि किसी पार्टी के प्रति।
पहलगाम हमले के बाद थरूर का स्पष्ट रुख
पहलगाम आतंकी हमले के बाद थरूर ने न केवल घटना की निंदा की, बल्कि उसके पीछे राजनीतिक और सुरक्षा रणनीति पर गहराई से सवाल उठाए। सरकार से अधिक निष्क्रिय होने के आरोप लगाने के साथ उन्होंने यह भी कहा कि देशभक्ति कभी भी पार्टी विरोध नहीं हो सकती। उनकी बेबाक टिप्पणियों ने कुछ आलोचकों के दिलों में भी समर्थन की चिंगारी जगा दी।
कांग्रेस अंदरघात? खडगे-थरूर विवाद ने बढ़ाई खाई
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने थरूर की टिप्पणियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि “वह पार्टी में असहमति फैला रहे हैं।” जवाब में थरूर ने ट्वीट किया, “उड़ने की इजाजत मांगने की कोई जरूरत नहीं – पंख तुम्हारे हैं।” इस बयान ने पार्टी के भीतर सत्ता, विचारधारा और रणनीति सवालों को नई गहराई दी है।
नेहरू उद्धरण से जजबा जगाया
थरूर ने अपने वक्तव्य में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शब्द उद्धृत करते हुए कहा: “अगर भारत मर गया तो कौन बचेगा?” उनका संदेश था कि देश के हित में विचारधाराओं को त्यागना ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है।
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