समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 5अप्रैल। देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लि. का निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक में विलय होगा। करीब 40 अरब डॉलर के इस अधिग्रहण सौदे से वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी। यह देश के कंपनी इतिहास में सबसे बड़ा सौदा है।
प्रस्तावित इकाई का संयुक्त रूप से संपत्ति आधार करीब 18 लाख करोड़ रुपये होगा। विलय के वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी या तीसरी तिमाही में पूरा होने की संभावना है जो नियामकीय मंजूरी पर निर्भर है।
विलय की जानकारी देते हुए एचडीएफसी लि. के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि यह ‘बराबरी का विलय’ है। इससे बड़े बही-खाते और पूंजी आधार के साथ विभिन्न क्षेत्रों को कर्ज प्रवाह बढ़ेगा और अंतत: इससे देश की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
सौदे के तहत एचडीएफसी और उसकी दो पूर्ण अनुषंगी इकाइयों एचडीएफसी होल्डिंग्स और एचडीएफसी इनवेस्टमेंट्स का एचडीएफसी बैंक में विलय होगा।
एचडीएफसी बैंक के प्रवर्तक के रूप में एचडीएफसी की दो अनुषंगी इकाइयों के साथ बैंक में 21 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस विलय से ऐसी इकाई अस्तित्व में आएगी, जिसका आकार निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक से दोगुना होगा।
विलय योजना के अनुसार, एचडीएफसी लिमिटेड के दो रुपये अंकित मूल्य के प्रत्येक 25 इक्विटी शेयरों के लिये एचडीएफसी बैंक के 42 इक्विटी शेयर (एक रुपये अंकित मूल्य के) मिलेंगे।
एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के इक्विटी शेयर को योजना के अनुसार समाप्त कर दिया जाएगा।
सौदा पूरा होने पर एचडीएफसी बैंक का 100 प्रतिशत हिस्सा सार्वजनिक शेयरधारकों के पास होगा और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41 प्रतिशत हिस्सा होगा।
पारेख ने कहा कि प्रस्तावित विलय के पीछे रणनीतिक सोच है। इसमें बैंकों के लिये जरूरी सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 27 प्रतिशत से कम होकर 22 प्रतिशत पर आना तथा पूर्व के मुकाबले अनुकूल ब्याज दरें शामिल हैं।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक शशिधर जगदीशन ने कहा कि प्रस्तावित सौदे का मूल्य 40 अरब डॉलर होगा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एचडीएफसी का मूल्य 60 अरब डॉलर है। अगर एचडीएफसी बैंक में हिस्सेदारी को हटा दें, तो यह 40 अरब डॉलर बैठता है और यही सौदे का मूल्य है।’’
इस विलय के बाद दिसंबर, 2021 के बही-खाते के अनुसार संयुक्त बही-खाता 17.87 लाख करोड़ रुपये और नेटवर्थ 3.3 लाख करोड़ रुपये होगा।
सौदे के बारे में एचडीएफसी के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी केकी मिस्त्री ने कहा कि विलय से ईपीएस (प्रति शेयर कमाई) पहले दिन से बढ़ेगी।
पारेख के अनुसार, विलय को पूरा होने में 12 से 18 महीने का समय लगेगा।
उन्होंने साफ किया कि इस विलय से एचडीएफसी के कर्मचारियों पर असर नहीं पड़ेगा।
एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के बारे में पारेख ने कहा कि एचडीएफसी की इसमें करीब 48 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी और अगर नियामकों की मंजूरी मिल जाती है, तो इसे बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बारे में रिजर्व बैंक को पत्र लिखा है और जल्दी ही जवाब मिलने की उम्मीद है…।’’
एसएंडपी रेटिंग्स ने कहा कि एचडीएफसी देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी है। इसको देखते हुए प्रस्तावित विलय से एचडीएफसी बैंक की बाजार हिस्सेदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगी।
यह बैंक क्षेत्र में दूसरा इस प्रकार का विलय है। इससे पहले अक्टूबर, 2001 में आईसीआईसीआई लि. ने इसी प्रकार का विलय अपनी बैंक इकाई आईसीआईसीआई बैंक में किया था।
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