भारतीय भाषाओं और प्रौद्योगिकी का मिश्रण देश के प्रतिभा समूह के लिए असीमित संभावनाओं के द्वार खोलेगा – धर्मेंद्र प्रधान

धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय भाषा उत्सव और दो दिवसीय प्रौद्योगिकी एवं भारतीय भाषा शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30सितंबर। केंद्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 30 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में भारतीय भाषा उत्सव का शुभारंभ किया और दो दिवसीय प्रौद्योगिकी एवं भारतीय भाषा शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एनईपी 2020 के विजन के अनुरूप, वर्तमान शिक्षा इकोसिस्‍टम से भारतीय भाषाओं में निहित प्रणाली में निर्बाध रूप से रूपांतरण सुगम बनाना और शिक्षा में भारतीय भाषाओं हेतु प्रौद्योगिकी की दृष्टि से समृद्ध भविष्य के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित करना है। भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी उत्पादों तथा उद्योगों, सरकारी संगठनों और स्टार्ट-अप द्वारा उनके अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। विभिन्न अधिकारियों द्वारा गणमान्य व्यक्तियों को भारतीय भाषाओं की समृद्ध साहित्यिक विरासत की प्रतीक एक महत्वपूर्ण पुस्तक भेंट किया जाना आयोजन का एक प्रेरणादायक क्षण रहा।

केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने 22 भाषाओं में अपने अनुभव साझा किए।

शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि दुनिया की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक होने के नाते भारत का प्रौद्योगिकी के साथ बेहद करीबी और अविभाज्य संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के विद्वान सदियों से भारतीय ज्ञान को समझने के लिए यहां आते रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय भाषाओं और प्रौद्योगिकी का मिश्रण देश के प्रतिभा समूह के लिए असीमित संभावनाओं के द्वार खोलेगा।

उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारतीय ज्ञान प्रणाली का संदर्भीकरण संभव होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शिखर सम्मेलन के दौरान प्रौद्योगिकी के लिए भाषा, प्रौद्योगिकी में भाषा और प्रौद्योगिकी के माध्यम से भाषा पर चर्चा से भारतीय भाषाओं के लिए मजबूत इकोसिस्‍टम तैयार होगा। उन्होंने वैश्विक चिकित्सा क्षेत्र में भारतीय संसाधनों के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दुनिया के एक तिहाई कोडर्स भारतीय मूल के हैं, जो प्रौद्योगिकी और नवाचार में देश के कौशल का प्रमाण है।

श्री संजय कुमार ने अपने संबोधन में संकल्प सप्ताह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा की गई इस चर्चा का उल्लेख किया कि सही नीतियों और नेतृत्व के बल पर किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि एनईपी 2020 ने किस प्रकार पहली बार औपचारिक रूप से मूलभूत साक्षरता एवं संख्‍यात्‍मकता (एफएलएन) को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि विचारों की शुद्धता भाषा के विकास से आती है और एनईपी 2020 ने इसे स्‍वीकार किया है और इसे अपनी नीतियों में शामिल किया है, जिन्‍हें विद्यार्थियों तक पहुंचाया जाना चाहिए उन्होंने सभी से, विशेष रूप से विद्यार्थियों से भाषा की बाधाओं को पार करने के लिए रिजेनरेटिव एआई जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने का आग्रह किया।

श्री श्रीधर वेम्बू ने मुख्य भाषण दिया। उन्‍होंने कंप्यूटर कोड विकसित करने जैसे कौशलों में महारत हासिल करने के लिए भाषाओं को सीखने के महत्व पर जोर दिया, जिनके लिए विन्‍यास की समझ की आवश्यकता होती है।

शिखर सम्मेलन का आयोजन भारतीय भाषा उत्सव के अंतर्गत किया गया है। इसमें तीन महत्वपूर्ण विषयगत सत्र शामिल किए गए हैं : (i) भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी; (ii) भारतीय भाषाओं में प्रौद्योगिकी; और (iii) भारतीय भाषाओं के माध्यम से प्रौद्योगिकी। आज भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी विषय पर दो तकनीकी सत्र आयोजित किये गए। इन सत्रों में, वक्ताओं और विशेषज्ञों ने भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की। इन सत्रों के दौरान भारतीय भाषाओं के शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी की भूमिका, मशीन लर्निंग का उपयोग, वाक् पहचान (यानी स्पीच रिकग्निशन) के लिए भाषा मॉडलिंग, भारतीय भाषा लिपियों के लिए यूनिकोड मानकीकरण और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। दोनों सत्रों में दर्शकों और वक्ताओं के बीच गहन चर्चा हुई।

ये विषय भारतीय भाषा को बढ़ावा देने में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर देंगे, जिसमें शिक्षण, प्रशिक्षण, परीक्षा और शैक्षिक सामग्री के अनुवाद में इसकी भूमिका शामिल है। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एनईपी 2020 के विजन के अनुरूप, वर्तमान शिक्षा इकोसिस्‍टम से भारतीय भाषाओं में निहित प्रणाली में निर्बाध रूप से रूपांतरण सुगम बनाना है।

शिखर सम्मेलन के दौरान, “भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना”, “ऑपरेटिंग सिस्टम्‍स एंड सॉफ्टवेयर लोकलाइजेशन”, “सर्च इंजन लोकलाइजेशन” आदि जैसे एजेंडों पर प्रमुख रूप से विचार विमर्श किया जाएगा। भारतीय भाषाओं में शिक्षा के विजन को साकार करने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिसमें शिक्षाविदों, विद्यार्थियों,शोधार्थियों, एडुटेक और इन्फोटेक उद्योग के पेशेवरों, तकनीकी विशेषज्ञों, मीडिया प्रतिनिधियों और फ्रीलांसरों सहित विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों की सक्रिय भागीदारी होगी।

भारत सरकार ने प्रसिद्ध तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी महाकवि चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम भारती के जन्मदिन (11 दिसंबर) को भारतीय भाषा दिवस के रूप में मनाने की पेशकश की है। 28 सितंबर 2023 से शुरू हुआ भारतीय भाषा उत्सव 75 दिनों तक चलेगा और 11 दिसंबर 2023 को समाप्त होगा। इस दौरान स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में भारतीय भाषाओं से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस कार्यक्रम में सचिव, उच्च शिक्षा, शिक्षा मंत्रालय, श्री के संजय मूर्ति; सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता, शिक्षा मंत्रालय, श्री संजय कुमार; सचिव, श्री श्रीधर वेम्बू, आईआईआईटी-डीएम, कांचीपुरम के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष और ज़ोहो कॉर्पोरेशन के सीईओ; एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीथाराम; अध्यक्ष, भारतीय भाषा समिति, श्री चामू कृष्ण शास्त्री; अध्यक्ष, यूजीसी, प्रो. एम. जगदीश कुमार; अध्यक्ष एनईटीएफ, श्री अनिल सहस्रबुद्धे; निदेशक, केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, प्रो. शैलेन्द्र मोहन; अध्यक्ष, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद, डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी; सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय श्री. अनिल कुमार झा; प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, शिक्षाविद्, प्रौद्योगिकी और भाषा विशेषज्ञ और शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, एनसीईआरटी, यूजीसी, एआईसीटीई, केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, सीबीएससी, केवीएस, एनवीएस आदि के अधिकारी उपस्थित थे।

इस शिखर सम्मेलन का आयोजन शिक्षा मंत्रालय (एमओई), कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई), और केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), राष्ट्रीय व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा केंद्र (एनसीवीटीई), राष्ट्रीय अध्‍यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई), भारतीय भाषा समिति (बीबीएस), आदि जैसे उनके संघटक संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। इस दो दिवसीय शिखर सम्‍मेलन में भारतीय भाषाओं में शिक्षा के विजन को साकार करने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिसमें शिक्षाविदों, विद्यार्थियों,शोधार्थियों, एडुटेक और इन्फोटेक उद्योग के पेशेवरों, तकनीकी विशेषज्ञों, मीडिया प्रतिनिधियों और फ्रीलांसरों सहित विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों की सक्रिय भागीदारी होगी।

Comments are closed.