समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,9 अप्रैल। दिल्लीवासियों के लिए राहत भरी खबर है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने मंगलवार को एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि राजधानी में जल्द ही 3 डिब्बों वाली मेट्रो सेवा शुरू की जाएगी। यह सेवा विशेष रूप से उन रूट्स पर चलाई जाएगी, जहां यात्री भार तुलनात्मक रूप से कम है।
DMRC द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, नई 3-कोच मेट्रो ट्रेनें अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगी और इन्हें ऐसे मार्गों पर उतारा जाएगा जहां वर्तमान में यात्रियों की संख्या मध्यम या कम है, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके और ऊर्जा की बचत भी हो।
“हम राजधानी में परिवहन को अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। 3 डब्बों वाली मेट्रो सेवा एक स्मार्ट, सस्टेनेबल और किफायती समाधान है।”
हालांकि डीएमआरसी ने अभी तक इन मेट्रो ट्रेनों के संचालन के लिए फाइनल रूट्स की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह सेवा संभवतः निम्नलिखित मार्गों पर शुरू की जा सकती है:
-
द्वारका सेक्टर 10 से नजफगढ़ रूट
-
जसोला विहार से शाहीन बाग रूट
-
रोहिणी सेक्टर 18 से नेताजी सुभाष प्लेस की शाखा लाइन
इन रूट्स पर फिलहाल यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है और लंबी ट्रेनों की आवश्यकता नहीं पड़ती।
1. ऊर्जा की बचत: छोटे ट्रेन सेट कम बिजली खर्च करेंगे, जिससे पर्यावरणीय लाभ होगा।
2. लागत में कटौती: 6 या 8 डब्बों की तुलना में 3 डब्बों वाली ट्रेनों की संचालन लागत कम होगी।
3. लचीलापन: यह सेवा डीएमआरसी को यात्रियों की संख्या के अनुसार अपनी सेवाओं को अनुकूल बनाने की सुविधा देगी।
4. कनेक्टिविटी में सुधार: उपनगरीय और कम भीड़भाड़ वाले इलाकों तक मेट्रो पहुंचाई जा सकेगी।
DMRC ने बताया कि ये ट्रेनें पूरी तरह ऑटोमैटिक और बिना ड्राइवर के संचालन के लिए तैयार की जा रही हैं। इन्हें आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे समय की बचत और ट्रेनों की दक्षता में बढ़ोतरी होगी।
DMRC के अनुसार, ट्रायल रन आगामी महीनों में शुरू किया जाएगा और अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो 2025 के अंत तक कुछ रूट्स पर यह सेवा आम जनता के लिए खोल दी जाएगी।
तीन डब्बों वाली मेट्रो सेवा दिल्ली के परिवहन नेटवर्क को और अधिक स्मार्ट, टिकाऊ और सुविधाजनक बना सकती है। खासकर उन इलाकों के लिए यह योजना वरदान साबित हो सकती है, जो अब तक मेट्रो कनेक्टिविटी से वंचित थे या कम सेवाओं पर निर्भर थे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.