विकास का केंद्र पश्चिम से एशिया क्षेत्र में स्थानांतरित हो गया है, और भारत इस वृद्धि के मजबूत वाहकों में से एक के रूप में उभरा है- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को जोड़ने के लिए "भारत-कतर स्टार्ट-अप ब्रिज" का शुभारंभ किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7जून। उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडु ने भारत-कतर संबंधों की मज़बूती पर प्रकाश डाला और एक अनुकूल वातावरण बनाने और पारस्परिक लाभ के लिए अधिक सहयोग करने का आह्वान किया। यह सुझाव देते हुए कि दोनों देशों के बीच एक विशेष संबंध है जो सदियों से विकसित हुआ है, श्री नायडु ने मजबूत साझेदारी को और समृद्ध करने तथा व्यापार बाजार में विविधता लाने का आह्वान किया, जिस पर वर्तमान में ऊर्जा उत्पादों का प्रभुत्व है।
कतर के दोहा में कल भारत-कतर व्यापार मंच के दौरान कतर के व्यापारियों को संबोधित करते हुए, श्री नायडु ने हाल के वर्षों में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “विकास का केंद्र पश्चिम से एशिया क्षेत्र में स्थानांतरित हो गया है, और भारत इस वृद्धि के मजबूत वाहकों में से एक के रूप में उभरा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सरकार व्यापार करने में सुगमता में सुधार कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में महामारी के दौरान भी, इस बारे में 25 हजार से अधिक अनुपालनों को समाप्त कर दिया गया था।
श्री नायडु ने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत-कतर ने वर्ष 2021-22 में 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर की एक नई उपलब्धि प्राप्त की है। उन्होंने रेखांकित किया कि कतर में पंजीकृत भारतीय व्यवसायों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है जो 15,000 की संख्या को पार कर गई है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कतर से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर, उपराष्ट्रपति ने “भारत-कतर स्टार्ट-अप ब्रिज” का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को जोड़ना है। यह रेखांकित करते हुए कि भारत नवाचार के वातावरण को बढ़ावा दे रहा है, उन्होंने कहा कि भारत 70,000 से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप के साथ वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप के लिए तीसरे सबसे बड़े इकोसिस्टम के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि भारत में 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के मूल्य वाले 100 यूनिकॉर्न हैं।
पर्यावरण दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत पर्यावरण की सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की स्थापना और अक्षय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने में भारत के नेतृत्व का स्मरण किया। उन्होंने कतर को ऊर्जा सुरक्षा में भारत के विश्वसनीय भागीदार के रूप में, स्थिरता के लिए इस यात्रा में भागीदार बनने और आईएसए में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
श्री नायडु ने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत और कतर के व्यापार मंडलों के बीच एक संयुक्त व्यापार परिषद की स्थापना की गई है और निवेश पर एक संयुक्त कार्य बल अपने काम को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने नए और उभरते अवसरों का उपयोग करने के लिए दोनों पक्षों के व्यवसायों को मार्गदर्शन और सहायता करने की साझेदारी में प्रवेश करने के लिए भारत में निवेश एवं कतर निवेश संवर्धन एजेंसी की भी सराहना की।
राज्य के नेतृत्व वाले गैर-लाभकारी संगठन, कतर फाउंडेशन का दौरा
इससे पहले आज, श्री नायडु ने कतर में एक गैर-लाभकारी संगठन कतर फाउंडेशन का दौरा किया। श्री नायडु ने शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सामुदायिक विकास में कतर फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की।
राष्ट्रीय संग्रहालय का दौरा
उपराष्ट्रपति ने आज कतर के राष्ट्रीय संग्रहालय का भी दौरा किया। कतर के समृद्ध इतिहास और परंपराओं का एक अनूठा व व्यापक अनुभव प्रदान करने के लिए संग्रहालय की प्रशंसा करते हुए उन्होंने भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक जुड़ाव के प्रदर्शन को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।
कतर शूरा परिषद के अध्यक्ष के साथ भेंट
बाद में, कतर शूरा परिषद के अध्यक्ष, श्री हसन अब्दुल्ला अल-घनीम, शूरा परिषद के तीन सदस्यों के साथ, उपराष्ट्रपति से मिले। शूरा परिषद 45 सदस्यों के साथ कतर राज्य का विधायी निकाय है।
अध्यक्ष के साथ बातचीत में, श्री नायडु ने भारत और कतर की संसदों के बीच संबंधों को गहरा करने और आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का आह्वान किया। राज्य सभा के सभापति के रूप में, श्री नायडु ने शूरा परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों को भारत आने का आमंत्रण दिया।
वर्ष 2023 भारत और कतर के बीच पूर्ण राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष का प्रतीक है। उपराष्ट्रपति ने इसे देखते हुए सुझाव दिया कि दोनों संसद इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए एक कार्यक्रम की भी योजना बनाएं। उन्होंने भारत और कतर के बीच बहुपक्षीय मंचों जैसे अंतर संसदीय संघ (आईपीयू), एशियाई संसदीय सभा और अन्य के बारे में अधिक सहयोग का आह्वान किया।
श्री नायडु के साथ इस यात्रा में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार, संसद सदस्य श्री सुशील कुमार मोदी, सांसद श्री विजय पाल सिंह तोमर, श्री पी. रवींद्रनाथ हैं। संसद, उपराष्ट्रपति सचिवालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी श्री नायडु की इस यात्रा में उनके साथ हैं।
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